मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ग्रामीण कला एवं संस्कृति को समृद्ध बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम स्तर पर कला एवं संस्कृति के प्रति समर्पित कलाकारों की उपकरण और सामग्री जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति में सरकार सहयोग कर रही है। इस कार्य के लिये 57 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। श्री चौहान आज भारत भवन में रंगकर्मी श्री दया प्रकाश सिन्हा के नाटक ‘रक्त अभिषेक’ के मंचन से पूर्व कला-प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने श्री सिन्हा का शॉल-श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान भी किया।
श्री चौहान ने कहा कि देश और समाज का निर्माण उसके नागरिक और समाज को दिशा देने वाले चिंतक करते हैं। सरकार का मानना है कि पुल-पुलियों के निर्माण के साथ ही समाज के चिंतकों के नेतृत्व में मार्गदर्शन के प्रयास भी किये जाने चाहिये। इसी मंशा से सरकार ने नर्मदा सेवा यात्रा और एकात्म यात्रा आदि आयोजन किये हैं। उन्होंने कहा कि श्री सिन्हा राष्ट्रवादी विचारक, मौलिक चिंतक हैं।
श्री दया प्रकाश सिन्हा ने नाटक का परिचय देते हुए बताया कि सार्वजनिक हित में किया गया कार्य हिंसा नहीं होता। व्यक्तिगत स्वार्थ में किया जाने वाला कार्य हिंसा होता हैं। इसी को नाटक में रूपायित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि रक्ताभिषेक और सम्राट अशोक उनकी ऐसी कृतियाँ हैं, जिनकी रचना वर्तमान के संदर्भ में ऐतिहासिक नाटकों के रूप में की गई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान की संगठन क्षमता, कर्मठता और धैर्यशीलता की व्यापक सराहना की।