भोपाल| मध्य प्रदेश में भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद प्रदेश की राजनीति में उथलपुथल की स्तिथि है| कहीं कोई इस्तीफ़ा लेकर खड़ा है, तो कहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर रहा है| इस बीच भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर सबकी नजर जमी हुई है| पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की इस सीट पर महापौर आलोकशर्मा समेत आधा दर्जन नेताओं की नजर है| पार्टी ने इस सीट पर फैसला होल्ड कर लिया है| वहीं गौर समर्थकों ने टिकट काटने की आशंका के चलते आज जोरदार हंगामा किया है|
गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से बाबूलाल गौर दस बार विधायक रह चुके हैं और 11 वीं बार भी दावेदारी की है साथ ही अपनी बहु और पूर्व महापौर कृष्णा गौर का नाम आगे बढ़ाया है| वहीं अभी तक चर्चा थी कि कृष्णा गौर के नाम पर सहमति बन गई है| लेकिन पहली सूची में इस सीट का नाम शामिल नहीं किया है| गोविंदपुरा पर फैसला अगली सूची में होगा| टिकट कटने के संकेत के चलते शनिवार को गौर समर्थकों ने हंगामा किया और नारेबाजी की| सभी समर्थक, पार्षद और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रविदास मंदिर में एकत्रित हुए और कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग की| कार्यकताओं ने कहा कृष्णा गौर के अलावा अगर और किसी को टिकट दी गई तो हंगामा होगा और चुनाव का बहिष्कार कर देंगे| वहीं चर्चा हे कि गोविंदपुरा में कई बड़े नेता जोर लगा रहे हैं, जिसके चलते हलचल बढ़ गई है| आलोक शर्मा भी बीजेपी कार्यालय पहुंचे हैं| अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा|
75 पार उम्र के कथित फार्मूले के चलते उन्हें मंत्री पद से भी हटा दिया गया था। इस बार उनके टिकट पर भी सवाल है। चुंकी पहली लिस्ट में गोविंदपुरा सीट का नाम नही आया है, बल्कि भोपाल की पांच सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जा चुके है। ऐसे में अब इस सीट को लेकर राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो चली है। वही इस लिस्ट ने गौर की भी धड़कनों को तेज कर दिया है। इसके अलावा उत्तर विधानसभा सीट पर भी नाम फाइनल नही हुआ है। दूसरी लिस्ट में इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की उम्मीद है।अब इस सीट को लेकर दूसरी लिस्ट पर निगाहें टिकी है। पार्टी द्वारा लिस्ट जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि इन दोनों सीटों पर किसे उम्मीदवार बनाया गया है और किसे नही। वही गुरुवार को गौर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा खा कि गोविंदपुरा सीट से कृष्णा गौर को टिकट मिलने की उम्मीद है। पार्टी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला ले रही है। अगर मुझे इस बार टिकट नहीं मिलता है तो मैं पार्टी के लिए काम करूंगा।मैने अपने पार्टी नेताओं के सामने पक्ष रख दिया है साथ ही अन्य प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी करूंगा।हालांकि उन्होंने ये बात भी साफ कर दी है कि कृष्णा गौर उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी नही है। पार्टी मेरी बहू को टिकट देती है तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।