नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर से मुलाकात कर सियासी गलियारे में मंगलवार को हलचल मचा दी। राफेल सौदे से जुड़े गोवा के मंत्री की कथित आडियो टेप की जांच नहीं होने का मसला उठाने के अगले ही दिन राहुल ने पर्रीकर से भेंट कर सभी को हतप्रभ कर दिया।

हालांकि सियासी अटकलों के बीच राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद साफ किया कि पर्रिकर से उनकी यह निजी शिष्टाचार मुलाकात थी। राहुल ने कैंसर से पीड़ित बीमार मनोहर पर्रीकर से उनके स्वास्थ्य का हालचाल जानने के लिए यह मुलाकात की।

कांग्रेस अध्यक्ष अपनी मां यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की गोवा की निजी यात्रा पर उनके साथ थे। इसी क्रम में पणजी में गोवा विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के आफिस पहुंचकर राहुल ने सूबे के ही नहीं देश के शिखर राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी बढ़ा दी।

राहुल और पर्रीकर की यह मुलाकात 15 मिनट तक चली। इसके बाद पणजी में पत्रकारों ने राफेल सौदे की जांच को लेकर उनके दिए बयान के संदर्भ में मुलाकात की चर्चा पर सवाल दागे तो राहुल ने देर होने की बात कह जवाब टाल दिया। बताया जाता है कि राहुल और पर्रीकर की चर्चा के दौरान कोई मौजूद नहीं था। हालांकि बाद में राहुल ने खुद ट्वीट कर कहा कि वे मनोहर पर्रीकर के शीघ्र सेहतमंद होने की कामना करने के लिए उनसे निजी रुप से मिलने गए थे।

कांग्रेस नेता गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कवलेकर ने भी इसे पर्रीकर की सेहत से जुड़ी सामान्य शिष्टाचार मुलाकात करार दिया। गोवा सरकार के मंत्री विजय सरदेसाई ने राहुल की पर्रीकर से मुलाकात को राजनीति में सकारात्मक बदलाव करार देते हुए कहा कि विरोधी दल के नेता भी आपके स्वास्थ्य की चिंता करें तो इसकी सराहना की जानी चाहिए।

सरदेसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री से भी उन्होंने इस भेंट को लेकर पूछा तो पर्रीकर ने उन्हें बताया कि राहुल गांधी ने पहले भी उनकी सेहत की चिंता की थी। इसके लिए राहुल ने पर्रीकर के बेटे को चार-पांच बार खुद फोन भी किया था। गौरतलब है कि राफेल सौदे में मोदी सरकार को घेर रहे राहुल ने एक कथित टेप के सामने आने के बाद आरोप लगाया था कि पर्रीकर के बेडरूम में राफेल सौदे से जुड़ी फाइलें हैं।

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