भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की निचली बस्तियों में रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को वितरित किए गए 50 किलोग्राम गेहूं की बोरी में 20 किलो मिट्टी निकली है। प्रशासन ने मिट्टी मिले गेहूं के वितरण की घटना को स्वीकार कर लिया है।बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते राजधानी की निचली बस्तियों में पानी भर गया था। बाढ़ से लगभग 80 हजार की आबादी प्रभावित हुई थी। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था और उसी क्रम में प्रभावित परिवारों को 50-50 किलो गेहूं और पांच-पांच लीटर केरोसिन वितरित किया जा रहा है।
बाढ़ प्रभावित राजीव नगर में पीड़ितों को गेहूं की बोरियों में बड़ी मात्रा में मिट्टी मिली है। यह मामला सामने आते ही मंगलवार शाम को कांग्रेस पार्षद मोनू सक्सेना और पूर्व विधायक पी.सी शर्मा ने मौके पर पहुंचकर धरना दिया। मामले के तूल पकड़ने पर जिलाधिकारी निशांत वरवड़े ने अनुविभागीय अधिकारी कमल सोलंकी को मौके पर भेजा।
सोलंकी ने मौके पर पाया कि गेहूं की बोरी में मिट्टी मिली हुई है। उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा में स्वीकार किया है कि कोटरा सुल्तानाबाद क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को बांटी गई गेहूं की बोरी में काफी मात्रा में मिट्टी मिली है। बाढ़ पीड़ितों को नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा राशन की दुकानों से गेहूं बांटा जा रहा है। निगम के अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेयी ने बताया, “बाढ़ पीड़ितों को मिट्टी मिला गेहूं बांटा जाना घोर लापरवाही है, इसके लिए जो जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”