ग्वालियर। गत वर्ष ग्वालियर में एक स्कूली छात्रा से हुए गेंगरेप के मामले में आज न्यायालय ने 3 आरोपियों को 14 वर्ष की सजा सुनाई हैं। विद्वान दशम अपर सत्र न्यायाधीश अजीत सिंह ने आज सायं गेंगरेप पर अपना 38 पृष्ठीय फैसला सुनाया। इस दौरान समूचा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
ज्ञांतव्य हैं कि बीते वर्ष 20 अप्रैल 2012 को सायं 8 बजे विश्वविघालय थाना क्षेत्र में कोचिंग से लौट रही एक स्कूली छात्रा को बोलेरो में सवार 3 युवकों ने जबरदस्ती कट्टे की नोंक पर अपहरण कर उठा लिया था और उसके साथ चलती गाड़ी में ही दुष्कर्म किया था। इसके बाद यह बदमाश युवक राकेश कुशवाह, निरंजन सिंह और विशम्भर सिंह उसे रात्रि के अंधेरे में मरणासन्न हालत में झाडिय़ों में फेंक गए थे। इसके बाद पीडि़त छात्रा की निशानदेही पर ट्रेफिक टीआई नरेश अन्नोटिया ने 21 अप्रैल को तीनों आरोपियों को स्टेशन बजरिया से दबोच लिया था। इस मामले को लेकर अंचल में काफी बाबेला भी मचा था। देशभर में इस गेंगरेप की भी काफी भत्र्सना हुई थी। इसी मामले में आज विद्वान न्यायाधीश अजीत सिंह ने अपने 38 पृष्ठीय फैसले में 3 आरोपों के लिए सभी तीनों आरोपियों को 14 वर्ष, 5 वर्ष और 2 वर्ष की सजा सुनाई हैं।
इसमें सभी तीनों गेंग रेपिस्टों को गेंगरेप के मामले 376 दो (जी) में 14 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना, नाबालिग अपहरण 363 में 5 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना, जान से मारने की धमकी 506 (2) में दो वर्ष का कारावास सुनाया गया हैं, सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा आरोपी राकेश कुशवाह को कट्टा रखने पर आम्र्स एक्ट में 1 वर्ष की सजा व 500 रुपये का जुर्माना भी अलग से किया गया है। इस मामले में विशेष बात यह है कि अभियोजन की कार्रवाई 12-12-2012 को समाप्त हो गई थी। इसके अलावा इस मामले में शासकीय अभियोजकों की जगह अभियोजन के लिए विशेष लोक अभियोजक मुकेश गुप्ता को बनाया गया था, जिन्होंने इस मामले को पूरी तरह से नि:शुल्क लड़ा था।

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