सागर ! हमेशा की तरह नगर निगम के निर्माण कार्य एक बार फिर सबालों के घेरे में आ गए हैं। घटिया सड़क निर्माण होने का आरोप नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अजय परमार ने लगाते हुए महापौर दरे को पत्र लिखा है।
घटिया निर्माण शहर की कई सड़कों में उजागर हो चुका है वहीं इन दिनों नगर निगम के कार्यालय के सामने बनाई जा रही सीसी रोड के घटिया निर्माण को छिपाने के लिए ठेकेदार डामर का उपयोग कर रहा है। यहां आपको बता दें कि नगर निगम के सामने शून्य रोड से प्राईवेट बस स्टैंड के सामने तक सीसी रोड बनाया जाना है। वर्तमान में डिग्री कॉलेज चौराहे तक का निर्माण कार्य जारी है। निर्माण कार्य के दौरान सड़क में दरारे पडऩे लगी हैं। नगर निगम के इंजीनियर और ठेकेदार घटिया निर्माण को छिपाने के लिए सड़क के दारारों को डामर से भरने में जुट गए हंै।
ऐसा नहीं है कि घटिया निर्माण की जानकारी नगर निगम के आला अधिकारियों को नहीं है! निगम के अधिकारियों को घटिया निर्माण की जानकारी होते हुए भी इस मामले की अनदेखी की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष अजय परमार ने यह भी आरोप लगाया है कि घटिया निर्माण होने के बावजूद निगम के द्वारा ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया गया है। अक्टूबर माह में सड़क निर्माण प्रारंभ होने के समय सड़क के घटिया निर्माण की शिकायत राजस्व कमिश्रर आर.के. माथुर, कलेक्टर अशोक कुमार सिंह, नगर निगम महापौर अभय दरे और निगम आयुक्त रणवीर कुमार से भी की गई थी। ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण प्रारंभ होने के समय रेत की जगह काली मिट्टी और डस्ट का प्रयोग किया जा रहा था, गिट्टी भी मापदंडों के अनुरूप नहीं मिलाई जा रही थी। तीन इंच गिट्टी के स्थान पर ठेकेदार एक इंच गिट्टी का उपयोग कर रहे थे।
वहीं मिक्सर के रूप में डमरू मशीन का उपयोग न करके हाथ से चलने वाली छोटी मशीन में मसाला बनाकर सड़क ढाली जा रही थी। शिकायत होने के बाद ठेकेदार ने डमरू मशीन से मिक्सर का कार्य कराया लेकिन सड़क निर्माण में मापदंडों के अनुरूप रेत, सीमेंट, गिट्टी का उपयोग नहीं किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि सड़क निर्माण के दौरान ही सड़क में दरारे पडऩे लगीं।
नगर निगम द्वारा निर्मित घटिया निर्माण का यह पहला मामला नहीं है इसके पहले नगर निगम द्वारा बकोली तिराहा से आईजी ऑफिस तक लगभग सवा करोड़ से निर्मित आदर्श सड़क के रूप में बनाई गई सीसी रोड की गुणवत्ता सबके सामने है। लगभग पूरी सड़क में दरारें पड़ी हुईं हैं। दरारों को छिपाने के लिए नगर निगम हर 6 माह में डामल का लेप कराता है। ऐसा ही हाल बकोली तिराहा से जिला चिकित्सालय तक बनी सीसी रोड का है। गारंटी पीरियड में सड़क जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। नगर निगम द्वारा घटिया निर्माण को छिपाने के लिए बड़ी मात्रा में डामल का उपयोग किया गया है। जानकारों के अनुसार सीसी सड़क निर्माण में ऐसा कोई नियम नहीं है एवं ऐसा कोई बजट पास नहीं किया जाता जिसमें सीसी रोड के दोष छिपाने के लिए डामल का इस्तेमाल किया जाए।
इसी प्रकार नगर निगम द्वारा निर्मित शहर के अन्य वार्डों में गुणवत्ताहीन सीसी रोड निर्माण कराए जा रहे हैं। सीसी सड़कें गारंटी पीरियड में ही दम तोड़ देती हैं। सडको पर जगह-जगह गड्ढे बन जाते हैं, जो वाहन चालकों को दुर्घटना ग्रस्त कर देते है।
शहरवासियों का कहना है कि जब सड़के ही गुणवत्ता हीन बन रही है तो हमारा शहर कैसे स्मार्ट सिटी में तब्दील होगा। क्योकि महापौर जोरशोर से स्मार्ट सिटी की कवायत में जुटे हुए हैं।
नेता प्रतिपक्षा परमार ने घटिया सीसी रोड निर्माण को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए महापौर को पत्र लिखा है अब देखना है कि निगम के नेताप्रतिपक्ष द्वारा किए गए ध्यान आकर्षण पर महापौर संबंधित इंजीनियरों और ठेकेदार पर क्या संज्ञान लेते हैंऔर निगम आयुक्त रणवीर कुमार का रवैया कैसा होगा। सड़क निर्माण पर उठे सवाल को लेकर महापौर दरे के मोबाईल पर संपर्क किया गया तो महापौर किसी कार्यक्रम में मंचासीन थे।