भोपाल। लोकसभा चुनाव के बीच नेताओं के बयानबाजी ने बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा रखी है| नाथूराम गोडसे और महात्मा गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी से सियासत गरमाई हुई है| इस बीच साध्वी प्रज्ञा द्वारा नाथूराम गोड़से के बाद एमपी बीजेपी प्रवक्ता अनिल सौमित्र द्वारा महात्मा गांधी पर सोशल मीडिआ पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बताया है, जिसके बाद राजनीति में बवाल मच गया है। वही पार्टी ने सौमित्र की इस टिप्पणी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है औऱ उन्हें बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। हैरानी की बात तो ये है कि कार्रवाई होने के बावजूद अब तक सौमित्र ने यह पोस्ट अपने फेसबुक से नही हटाई है।

भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान के एक दिन बाद ही अब एमपी बीजेपी प्रवक्ता और मीडिया संपर्क विभाग के प्रमुख अनिल सौमित्र ने महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी कर दी। सौमित्र ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बता दिया। साथ ही उन्होंने लिखा कि भारत में उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए, कुछ लायक तो कुछ नालायक। हालांकि बीजेपी नेता ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह भी कहा कि ये उनके निजी विचार हैं और इनका पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है। सौमित्र के इस पोस्ट के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर‍ दिया है और सभी पदों से मुक्त कर दिया है| । प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने यह कार्रवाई की है और सौमित्र से सात दिनो में जवाब मांगा है। वही जवाब ना देने पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही है।

मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता अनिल सौमित्र ने शुक्रवार की सुबह अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, ‘राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के। भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए, कुछ लायक तो कुछ नालायक।’ हालांकि, उन्होंने अपने पोस्ट में महात्मा गांधी का नाम नहीं लिखा लेकिन उनका इशारा साफ था।

साध्वी मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी सख्त रवैया अपनाया है। शाह ने अनुशासन समिति को दस दिन में रिपोर्ट भेजने को कहा है।शाह ने ट्वीट कर कहा है कि विगत 2 दिनों में अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आये हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है। इन लोगों ने अपने बयान वापस लिये हैं और माफ़ी भी मांगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है। अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गयी है।

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