मध्यप्रदेश ने पंचायत राज की अवधारणा को वास्तविक धरातल पर उतारकर अनुसूचित क्षेत्रों में किये गये उत्कृष्ट कार्य तथा संवैधानिक उपबंधों के पालन में वर्ष 2015-16 के लिये पूरे देश में पहला स्थान पाया है। अनुसूचित क्षेत्रों में प्रदेश के 20 जिले के 5211 गाँव आते हैं।
पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव 24 अप्रैल को पंचायत दिवस के अवसर पर पुरस्कार लेने झारखंड के जमशेदपुर जायेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विजेता राज्यों को पुरस्कार प्रदान करेंगे। अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत राज को मजबूत करने के लिये मध्यप्रदेश में तीन अलग-अलग आयाम में विशेष प्रबंध कर लगातार उल्लेखनीय कार्य उत्कृष्टता के साथ किये गये हैं। इनमें कोष, कार्यकलाप एवं कार्मिक प्रबंधन शामिल है। ये तीनों आयाम पंचायतों की सफलता के आधार स्तम्भ होते हैं। इन पर फोकस कर मध्यप्रदेश में ग्रामीण विकास की रणनीति बनाकर काम किये गये, जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई। इस कार्य की प्रशंसा केन्द्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति ने भी की थी। समिति ने सभी मापदण्डों पर मध्यप्रदेश को खरा पाया था। यही कारण है कि देश में मध्यप्रदेश को सर्वोच्च स्थान मिला है।