जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना के लगातार बढ़ते सक्रिय मामलों के मद्देनजर जीवन बचाने के लिए महामारी रेड अलर्ट कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने एवं मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाए जाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। गहलोत रविवार रात वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति, दवाओं की उपलब्धता, कोविड संक्रमण और सोमवार से आरंभ हो रहे महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े को लेकर समीक्षा कर रहे थे।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के माध्यम से आयात किए जा रहे ऑक्सीजन परिवहन के टैंकरों में से राजस्थान को जरूरत के मुताबिक टैंकर उपलब्ध कराने के लिए भी पुरजोर पैरवी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा के लिए कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना कराना बहुत जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि सोमवार से शुरू हो रहे महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाडे़ की गाइडलाइन की पूरी कड़ाई से पालना करवाएं, इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं हो।
उन्होंने कहा कि जामनगर प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता में 350 मैट्रिक टन की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है। ऎसे में राजस्थान को वहां से अतिरिक्त ऑक्सीजन का आवंटन मिले। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न कम्पनियों के माध्यम से करीब 50 टैंकर आयात किए जा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि राज्य को ऑक्सीजन उठाव के लिए केन्द्र सरकार ने पर्याप्त संख्या में टैंकर उपलब्ध नहीं कराए हैं, इसके चलते दूरस्थ स्थानों से ऑक्सीजन के परिवहन को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऎसे में आयात होने वाले टैंकरों से राजस्थान को भी जरूरत के मुताबिक टैंकरों का आवंटन किए जाने के लिए मजबूती से प्रयास करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि नेशनल प्लान के तहत प्रदेश को आवंटित ऑक्सीजन की पूरी मात्रा का तत्काल उठाव सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की जल्द से जल्द खरीद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेशों से इनका आयात करने के लिए गठित अधिकारियों की कमेटी प्रक्रिया को तेज करे, ताकि कोविड रोगियों के उपचार में मदद मिले। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपने तमाम प्रयासों से कोविड रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के लिए जुटी है, लेकिन संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जनता की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है।
अगर हम अपने व्यवहार को अनुशासित कर लेंगे और जन अनुशासन पखवाडे़ के प्रोटोकॉल की अक्षरशः पालना सुनिश्चित कर लेंगे तो इस चुनौती से लड़ने में काफी हद तक कामयाब हो सकेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े में अनुमत गतिविधियों के अतिरिक्त कोई व्यक्ति बिना अतिआवश्यक काम के कर्फ्यू के दौरान बाहर नहीं निकले। अब किसी ने प्रोटोकॉल की पालना नहीं की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।