ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रहे माखनलाल जाटव हत्याकांड के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब इस हत्याकांड के आरोपी व मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि इसी 14 सितंबर को जहां माखनलाल जाटव के बेटे व ससुर ने गवाही पलटी थी। जिसके बाद अग्रिम जमानत के आवेदन की सुनवाई 26 सितंबर को होना थी। इस सुनवाई में कल विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत में इस मामले के अहम गवाह बनवारी जाटव के वकील रामप्रताप सिंह राजावत ने हत्या के आरोपी लालसिंह आर्य की अग्रिम जमानत पर कड़ी आपत्ति पेश कर दी है। आपत्ति में कहा गया कि लालसिंह आर्य ने गवाह प्रभावित किए हैं। जबकि अग्रिम जमानत के दो मूल आधार होते हैं, जिनमें एक यह भी है कि आरोपी गवाह प्रभावित नहीं करेगा और भागेगा नहीं। जबकि मंत्री लालसिंह आर्य को अग्रिम जमानत दी तो वह अन्य गवाह भी प्रभावित करेगा। 14 सितंबर की सुनवाई के दौरान मृतक माखनलाल जाटव के पुत्र अरविंद जाटव व ससुर श्रीपाल जाटव ने गवाही पलटी थी तो समझा जा रहा था कि अब मंत्री लालसिंह आर्य को इस मामले में राहत मिल सकती है, लेकिन अब इस मामले के गवाह बनवारीलाल की इस आपत्ति ने मामले को फिर से चर्चा में ला दिया है कि मंत्री लालसिंह आर्य को अब अग्रिम जमानत में मुश्किल होगी। क्योंकि मंत्री लालसिंह आर्य का जमानती वारंट निकला हुआ है। जो अब तक तामील नहीं हुआ है।
वकील रामप्रताप सिंह का कहना है कि किसी आरोपी की अग्रिम जमानत के दो ही आधार होते हैं। जिनमें पहला यह कि वह जमानत के बाद भागेगा नहीं। दूसरा ये कि वह गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा। जबकि लाल सिंह आर्य ने तो खुद अदालत में पेश होने से पहले ही गवाह प्रभावित कर दिए हैं। इस मामले के अहम गवाह बनवारी ने अपनी आपत्ति में साफ कहा है कि लाल सिंह आर्य इस मामले का आरोपी होकर मध्यप्रदेश शासन में मंत्री है। जो उनकी गवाही बदलवाने के लिए उन पर दबाव बना रहा है। आरोपी ने पहले ही दो गवाह अरविंद व श्रीपाल के बयान पलटवाए हैं, क्योंकि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अरविंद व श्रीपाल को दो करोड़ रुपए दिए हैं और अन्य प्रलोभन देकर राजीनामा किया है। बनवारी ने कहा है कि मंत्री लालसिंह आर्य का माखनलाल जाटव के पुत्र पूर्व विधायक रणवीर जाटव, अरविंद जाटव व ससुर श्रीपाल से राजीनामा हो गया है।
वकील रामप्रताप सिंह (जो माखनलाल जाटव के पुत्र रणवीर जाटव की ओर से वकील हैं), ने कल इस मामले के अहम गवाह बनवारी लाल जाटव, जो रिश्ते में माखनलाल जाटव के मामा हैं, की ओर से इस जमानत पर आपत्ति में साफ कहा है कि बनवारी व माखनलाल जाटव हम उम्र होने के साथ गहरे दोस्त भी थे। इस आपत्ति में अदालत को शपथ पत्र दिया गया है, जिसमें लिखा है कि घटना वाली शाम 13 अप्रैल को छरेंटा में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद जाटव के प्रचार के लिए सभा करने गए थे। जिसके बाद जब माखनलाल जाटव बोलेरो गाड़ी में बैठे होकर जनता का अभिवादन करते हुए चल रहे थे तब अभियुक्त लाल सिंह आर्य सामने से आया था, जिसके साथ पांच-छह लोग थे। लाल सिंह आर्य ने उनसे चिल्लाकर कहा था कि माखनलाल को मार दो, जिंदा न बचने पाए। तभी दो गोलियां चलीं थीं। गोली विधायक माखनलाल जाटव को लगीं, ग्वालियर में उनकी मौत हो गई थी। बनवारी ने कहा है कि यह बयान वे अदालत में पहले दे चुके हैं, लेकिन इसे अब हत्या का आरोपी लाल सिंह आर्य प्रभावित कर रहा है।