ग्वालियर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कहा कि गरीबों को सस्ता सुलभ और सुगमता से न्याय मिले यही न्यायपालिका का उद्देश्य है। न्यायमूर्ति गुरूवार को मुरैना जिले के जौरा विकासखंड के ग्राम छैरा में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित वृहद विधिक सेवा शिविर में मुख्य अतिथि बतौर संबोधित कर रहे थे। शिविर की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार नागपुरे ने की। शिविर में १११ जरूरत मंदो को १ करोड़ ३ लाख रूपये से अधिक के ऋण एवं सामग्री का वितरण किया गया। मौके पर विभिन्न विभागों को प्राप्त १२९३ शिकायतों में से १४६ शिकायतों का निराकरण भी किया गया। शेष १४४७ आवेदको की जांच उपरांत लाभान्वित करने का आश्वासन दिया गया।
शिविर को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संविधान में कार्यपालिका, न्याय पालिका और विधायिका स्वतंत्र रूप से कार्य करती है और यह तीनों ही स्वतंत्र एवं एक दूसरे के पूरक है। एक दूसरे के बिना यह प्रजातंत्र के मूल भाव तक नही पहुंच सकते है। यह तीनों स्तम्भ जनता जनार्दन के दुखदर्दो को सुने और उन्हें समय पर सस्ता सरल, एवं सुगमता से न्याय दिलाये।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि हमारे प्रजातंत्र के ७० वर्ष के अल्प समय में हमें यह देखने को मिला कि सरकार ने गर्भधारण से लेकर व्यक्ति के अंत तक अनेकों कल्याणकारी योजनाए संचालित की है। हमारा दायित्व है कि हम इन कल्याणकारी योजनाओं को जनता जनार्दन तक पहुचाये, उन्हे इन योजनाओं से लाभान्वित करे। उन्होने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मागांधी का सिद्धान्त था कि अगर किसी जरूरत मंद को उसकी जरूरत से ज्यादा किसी योजना से लाभन्वित होने की है तो उसे सबसे पहले उस योजना का लाभ दिलाया जाये जिसकी उसे जरूरत है। उन्होने कहा कि न्यायपालिका जनता के बीच एक सेतु का काम कर रही है जो काम न्यायपालिका की मुख्यधारा का नही था उस काम को करने के लिए पूरी तरह से जुट गई है। जिससे कार्यपालिका और जनता के बीच की दूरियां खत्म हो रही है। उन्होने कहा कि न्यायपालिका अब सेवा का काम कर रही है, सेवा प्रदाता सर्विस प्रोवाइडर का काम करके अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कर रही है। उन्होने कहा इस शिविर में इतनी बडी संख्या में लोगों का आना ही इनकी सफलता का श्रेय है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार नागपुरे ने शिविर के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस शिविर की मुख्यथीम जागरूकता से सशक्तिकरण की ओर है। उन्होने कहा कि इस शिविर के माध्यम से समाज को शासन की विभिन्न कल्याणकारी नीतियों योजनाओं विधिक जानकारियां के प्रति जागरूक करके समाज को ओर सशक्त करना है। उन्होने कहा कि इसी उद्देश्य को लेकर इस शिविर में विभिन्न विभागों ने अपने स्टॉल लगाकर लोगों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित कर रहे है। उनकी समस्याओं का मौके पर ही निदान किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने कहा कि यह एक अभिनव नई पहल है। उन्होने कहा कि न्यायपालिका अब न्याय का ही नही बल्कि समाज को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें सीधा लाभ देने की व्यवस्था कर रही है। उन्होने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से आमजन को सरल एवं सहज तरीके से कैसे विधिक सेवाए प्राप्त हो इसके लिए भी पूरे प्रयास किये जा रहे है। उन्होने उपस्थित जनमानस को जोर देकर कहा कि वे इन शिविर का लाभ उठाकर यहा से और सशक्त होकर जाये तभी इस शिविर की सार्थकता सिद्ध होगी। कार्यक्रम का संचालन मजिस्ट्रेट डॉ. बैभव विकास शर्मा और प्रमोद प्रयासी ने किया। अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकारण के सचिव श्री व्ही के गुप्ता ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। मौके पर न्यायाधीश गण, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्भ न्यायालय, विशेष न्यायाधीश, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण, एडीजे सबलगढ, एडीजे जौरा, सीजेएम, सिविल जज सहित अन्य न्यायाधीशगण, अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।

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