नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आए 7 साल पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे हो चुके हैं। इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए कोरोना संकट से निपटना बहुत बड़ी चुनौती की तरह है। इस बीच निजी चैनल एबीपी न्यूज-सी वोटर ने मोदी 2.0 सरकार के 2 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के कामकाज, पीएम मोदी की लोकप्रियता, कोरोना संकट से सरकार के निपटने जैसे सवालों को लेकर सर्वे किया है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे के मुताबिक मोदी 2.0 सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना है। सर्वे में भाग लेने वाले 44 प्रतिशत शहरी लोगों ने इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है। वहीं ग्रामीण भारत में 40 प्रतिशत लोगों को मानना है कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना है। वहीं कृषि कानूनों और किसानों के मुद्दे को शहरी क्षेत्रों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया। सीएए पर दिल्ली दंगे को 9 प्रतिशत शहरी और 9 प्रतिशत ग्रामीण लोग सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बता रहे हैं। चीन सीमा विवाद को भी 7 प्रतिशत शहरी और 10 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है।
कोरोना इस वक्त देश की सबसे बड़ी परेशानी: सर्वे सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने कोरोना को देश की सबसे बड़ी परेशानी बताया है। 36 प्रतिशत लोगों ने कोरोना को आज के भारत की सबसे बड़ी परेशानी बताया है। वहीं 18 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी, 10 प्रतिशत ने महंगाई और 7 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी परेशानी करार दिया है।
वैक्सीन के इंतजाम से ज्यादातर लोग संतुष्ट- सर्वे एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में वैक्सीन का इंतजाम ठीक है तो ज्यादातर लोगों ने हां में जवाब दिया। इस सवाल के जवाब में 51 प्रतिशत शहरी प्रतिभागियों और 45 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने कहा कि हां, मोदी सरकार ने वैक्सीन का ठीक से इंतजाम किया है। वहीं शहरों में 29 प्रतिशत को लगता है कि वैक्सीन का इंतजाम ठीक नहीं है। गांवों में यह आंकड़ा 37 प्रतिशत है। इस सवाल के जवाब में 17 प्रतिशत शहरी लोगों ने कुछ कह नहीं सकते का जवाब दिया, जबकि गांवों में 18 प्रतिशत प्रतिभागियों की इस पर कोई राय नहीं थी।