इंदौर। मध्यप्रदेश के महूनाका निवासी 64 वर्षीय रेणु जैन ने कोरोना से जंग जीतने के बाद संलेखना ली। परिजन जितेंद्र जैन रेड्डी के अनुसार उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई, पर फेफड़े कमजोर हो गए। उन्होंने इलाज के बजाय समाधि लेने की इच्छा जताई। पुष्पगिरि प्रणेता गणाचार्य पुष्पदंत सागर के सान्निध्य में उनकी समाधि संपन्न हुई।

रेणु जैन ने जीवनभर की धर्म साधना, गृहस्थ एवं संपूर्ण परिग्रहों, अंगूठियां और चारों प्रकार के आहार, जल का त्याग करके चैतन्य अवस्था में सबको देखा। फिर सभी से क्षमा मांगते हुए अंतिम विदाई ली। जिस दिन, जिस समय उनका जन्म हुआ, उसी दिन, उसी समय उनकी समाधि हुई। परिजन जितेंद्र जैन रेड्डी के अनुसार वे 23 सितंबर से एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती थीं। मंगलवार को डिस्चार्ज होने पर परिजन पुष्पगिरि ले गए थे।

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