भोपाल। कोरोना के चलते कोविड-19 के मापदंडों का पालन करते हुए विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को सीमित उपस्थिति के साथ 61 लोगों की मौजूदगी में सम्पन्न हुई।  बाकी सभी विधायक आॅनलाइन सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। सदन में कार्यवाही तेजी से चली, दो लाख पांच हजार करोड़ रुपए का बजट पारित किए जाने के बाद हंगामे के बीच मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक, अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश वेट संशोधन विधेयक सहित अन्य विधेयक हंगामे के बीच पारित हो गए।

दिवंगतों को श्रद्धांजलि के बाद पांच मिनट के लिए स्थगित हुई सदन की कार्यवाही के बाद जब सदन दोबारा शुरू हुई तो सबसे पहले संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अध्यादेश और पत्रों को पटल पर रखा। इसके बाद विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने प्रद्युम्न सिंह लोधी मलेहरा, सुमित्रा कास्डेकर नेपानगर, नारायण पटेल मांधाता के विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिए जाने की सूचना सदन में दी। अध्यक्ष ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री को उनकी ओर से कार्य संपादित किए जाने की सदन में जानकारी दी। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने धन विधेयक, विनियोग सदन में पेश किया। संसदीय कार्यमंत्री ने सभी विभागों की अनुदान मांगों का प्रस्ताव एक साथ पेश किया।  नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ तथा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ गोविंद सिंह ने इस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सर्वदलीय बैठक का हवाल देते हुए कहा है कि वहां इन बिन्दुओं पर चर्चा हुई है। इसके बाद विनियोग विधेयक, मध्यप्रदेश वित्त विधेयक पेश करने के बाद पारित कर दिए गए। मध्यप्रदेश वेट संशेधन विधेयक 2020 भी पारित हो गया। मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विशेयक 2020, मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन विधेयक 2020 भी पारित हो गया।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कोरोना का मुद्दा  उठाया। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने निजी अस्पतालों में कोरोना जांच में हो रही लापरवाही का मुद्दा भी सदन में उठाया। इस पर हंगामा होने लगा। पूर्व मंत्री हनी सिंह बघेल ने जयस मुद्दा उठाया जिस पर भी हंगामा हो गया। इस बीच शोर-शराबे में विधेयक पारित हुए। हंगामे के बीच ही मप्र साहूकार संशोधन विधेयक, अनुसूचित जनजाति ऋणमुक्ति विधेयक 2020 भी पारित हो गए। तेजी से कार्यवाही पूरी होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सर्वदलीय बैठक कि निर्णय के अनुसार सदन की कार्यवाही समाप्त किए जाने का प्रस्ताव दिया। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कोविड 198 की जानकारी देने के लिए आग्रह किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सदन में अपनी बात रखी और सभी का आभार व्यक्त किया इसके साथ ही सदन की कार्यवाही समाप्त हो गई।

गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन के दुष्परिणाम सभी ने देखे हैं। इसलिए फिलहाल प्रदेश में लॉकडाउन दोबारा लगाने का कोई विचार नहीं है। अब कोरोना के साथ जीने की आदत डालने की जरूरत है। इस दौर में सावधानी का नाम बुद्धिमानी है। विधानसभा के सत्र को लेकर मिश्रा ने कहा कि दर्जन भर से ज्यादा मंत्री और विधायक संक्रमित हो चुके हैं और अभी भी हैं। इसलिए प्रोटेम स्पीकर ने सर्वानुमति से कम से कम विधायकों की मौजूदगी के साथ सदन संचालन का फैसला लिया है। आज सदन में सिर्फ वित्तीय कार्य संपादित किए जा रहे हैं।

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