नई दिल्ली. देशभर में कोरोना के हालात पर दायर याचिका पर सुनावई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम दिशानिर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि जिन हॉस्पिटलों ने फायर एन ओ सी नहीं ली वो चार हफ्तों के भीतर तत्काल एन ओ सी ले लें. ऐसा नहीं करने पर राज्य सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. SC ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर महीने कोविड-19 देखभाल सुविधाओं सहित सभी अस्पतालों की अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने के लिए समितियों का गठन करने के लिए भी कहा है.

इसके अलावा कोर्ट ने  सभी राज्यों को एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए कहा है जो राज्य सरकार को सुरक्षा और सुविधाओं के सभी नजरिए से समय-समय पर रिपोर्ट सौंपेगा. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए, जो अस्पतालों में आग और अन्य किस्म की सुरक्षा उपायों की योजना बनाने और उन पर अमल के लिए जिम्मेदार होगा. कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सभी मानक कार्यप्रणाली प्रक्रिया यानी एस ओ पी और गाइड लाइन का पालन करेंगे.

वहीं, चुनाव के मद्देनजर कोर्ट ने कहा कि राज्यों में चुनावी और राजनीतिक रैलियों के सम्बंध में गाइडलाइन्स का पालन कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी.

कोर्ट ने कोरोना काल में अप्रैल के महीने से लगातार ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को आराम देने के लिए भी केंद्र सरकार से गाइडलाइंस या फिर रोटेशनल पॉलिसी बनाने के लिए कहा है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर दो दिन के अंदर फैसला लेगी.

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