भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें कोरोना के भय को मन से निकालना होगा। कोरोना सामान्य सर्दी जुकाम की तरह ही है, यदि समय से इसका इलाज ले लिया जाए तो यह ठीक हो जाता है। हम डरे नहीं, आत्मविश्वास रखें तथा इसे पराजित करें। हम निरंतर प्रयासों से शीघ्र ही इस पर पूर्ण नियंत्रण पा लेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के टैस्ट एवं उपचार के संबंध में ‘फीवर क्लीनिक’ की अवधारणा पर भी विचार किया जाए कि यह कितनी कारगर सिद्ध हो सकती है। एसीएस हैल्थ ने बताया कि इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति फीवर क्लीनिक पर जाकर अपना कोरोना संबंधी टैस्ट करा सकेगा और पॉजिटिव होने पर वहां भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिलों में बाहर से आने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए। एसीएस हैल्थ सुलेमान ने कहा कि स्वास्थ्य परीक्षण के अंतर्गत थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही ऑक्सीजन का लेवल भी टैस्ट किया जाए। यह टैस्ट उंगली पर लगाने वाले छोटे उपकरण से आसानी से किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री चौहान द्वारा आज भिण्ड, धार, खरगोन एवं सतना जिलों की विशेष समीक्षा की गयी। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों में पूरी सख्ती रखी जाए, जिससे संक्रमण आगे न फैले। संक्रमित मरीजों का अच्छे से अच्छा इलाज हो और वे शीघ्र स्वस्थ होकर घर लौंटे।

स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बतायाकि उज्जैन की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। नए प्रकरण कम आ रहे हैं और मरीज भी शीघ्र ठीक होकर घर जा रहे हैं। अन्य जिलों में भी संक्रमित मरीज तेज गति से स्वस्थ हो रहे हैं।

बाहर फंसे मजदूरों की प्रदेश वापसी के संबंध में अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया कि अभी तक 2 लाख 70 हजार मजदूर मध्यप्रदेश वापस आ चुके हैं। मजदूरों को लाने के लिए 84 ट्रेन की मांग रेल मंत्रालय को भिजवायी गयी है। आज एक ट्रेन दादर नगर हवेली से मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गयी है। फरीदाबाद से एक ट्रेन से लगभग 1300 मजदूर मध्यप्रदेश आने वाले थे परंतु उनमें से 700 मजदूर वहां कार्य प्रारंभ हो जाने से स्वेच्छा से नहीं आए। इस पर ट्रेन कैंसिल हो गयी और बसों के माध्यम से शेष 600 मजदूर आ रहे हैं।

बताया गया कि प्रदेश में जहां पर एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले छात्रों की संख्या अत्यधिक है वहां से छात्रों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए भी ट्रेन चलायी गयी हैं। एक ट्रेन इंदौर से रीवा के लिए रवाना हुयी है और दूसरी ट्रेन भोपाल से रीवा होते हुए सिंगरौली के लिए रवाना होगी।

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