भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में मिल रही सफलता के बावजूद निरंतर डटे रहने की आवश्यकता है। चौहान आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना नियंत्रण और उपचार प्रयासों की समीक्षा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में मिल रही सफलता के बावजूद निरंतर डटे रहने की आवश्यकता है। कलेक्टर्स जिले की बस्तियों पर नजर रखते हुए रैण्डम टेस्ट करवाने और फीवर क्लीनिक प्रभावी ढंग से कार्य करें इसके लिए प्रयासरत रहें।
जिले के किसी भी क्षेत्र में पॉजिटिव प्रकरण आते ही आने वाले दिनों की स्थिति का अनुमान लगाकर तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। बैठक में चौहान ने कहा कि कंटेनमेंट क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था भी प्रभावी रहे, यह आवश्यक है। जहाँ टेसिं्टग और ट्रेसिंग का कार्य होना चाहिए उसका निरंतर संचालन हो। जो क्षेत्र लॉक करने योग्य है वहाँ गतिविधियों पर नियंत्रण हों और अधिकारियों की टीम सक्रिय बनी रहे। उन्होंने भोपाल संभागायुक्त, कलेक्टर, आई.जी. और डीआईजी से भोपाल की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इस बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने वालों का रिकवरी रेट 51.3 प्रतिशत है।
यह निरंतर बढ़ रहा है, जो शुभ संकेत है। प्रदेश में सर्वाधिक रिकवरी रेट 63 प्रतिशत भोपाल में है। भोपाल में कोविड-19 की टेसिं्टग, ट्रीटमेंट, क्वारेंटाइन व्यवस्था का कार्य बेहतर ढंग से हो रहा है। इस स्थिति को बनाए रखते हुए कंटेनमेंट क्षेत्रों पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 24 मई तक 6 हजार 665 कोरोना के प्रकरण आए हैं, जिनमें 2967 एक्टिव केसेस हैं। इनमें 3408 रिकवरी केसेस हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 51.3 प्रतिशत है।
प्रदेश में अब दुगने प्रकरण होने का क्रम 20 वें दिन ही आ रहा है, जो अन्य राज्यों से बेहतर है। आज 294 पॉजिटिव प्रकरण आने के बावजूद रिकवरी दर में सुधार के कारण 141 केसेस रिकवर हुए हैं। प्रदेश में ऐसे 25 जिलों जहाँ 10 से अधिक प्रकरण पाए गए हैं, उनमें 41 हजार 640 लोग घरों में और 2109 संस्थागत रूप से क्वारेंटाइन किए गए। इन जिलों के 802 कंटेनमेंट क्षेत्र में कुल 13 लाख 32 हजार 945 लोग निवास करते हैं। प्रदेश के जिन जिलों में कोरोना एक्टिव केसेस देखे जा रहे हैं, वहाँ सर्वे दल सक्रिय हैं और विभिन्न विभागों की ओर से आवश्यक उपाय भी लागू किए जा रहे हैं।