नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण डरावनी रफ्तार से बढ़ रहा है। नवंबर में ही 2000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दिल्ली में महामारी की बिगड़ती स्थिति पर हाई कोर्ट तो चिंता जता ही चुका है, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि चीजें बद से बदतर होती जा रही हैं। इस दौरान केंद्र ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया। आम आदमी पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बार-बार कहे जाने के बाद भी जांच क्षमता नहीं बढ़ाई गई: केंद्र
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, ‘कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बारे में बार-बार कहे जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ने जांच क्षमता बढ़ाने के लिए कदम नहीं उठाए, खास तौर पर आरटी-पीसीआर के लिए, जो करीब 20,000 जांच के स्तर पर काफी समय से स्थिर थी।’ रूस के सावरेन वेल्थ फंड ने एक बयान में कहा कि वैक्सीन का उत्पादन 2021 में शुरू करने का इरादा है। इस समय इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों में चल रहा है। RDIF ने कहा कि भारत में दूसरे चरण और तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। रूस में बनी Sputnik V वैक्सीन 95% असरदार होने का दावा करती है। नतीजों के आधार पर यह फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के समकक्ष मालूम देती है। मॉडर्ना की वैक्सीन 94.5% जबकि फाइजर की वैक्सीन 95% असरदार पाई गई है। यह वैक्सीन -20 से -70 डिग्री तापमान के बीच स्टोर की जा सकती है जो इसके डिस्ट्रीब्यूशन में एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। मंगलवार को रूस ने कहा था कि उसकी वैक्सीन की एक डोज 10 डॉलर से कम (करीब 740 रुपये) में उपलब्ध होगी। फाइजर की वैक्सीन इससे दोगुनी और मॉडर्ना की तीन गुनी महंगी है। मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट की बनाई इस वैक्सीन को एडेनोवायरस के आधार पर बनाए गए पार्टिकल्स का यूज करके बनाया गया है। वहां के प्रमुख एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि ‘जो पार्टिकल्स और ऑब्जेक्ट्स खुद की कॉपीज बना सकते हैं, उन्हें जीवित माना जाता है।’ उनके मुताबिक, वैक्सीन में जो पार्टिकल्स यूज हुए हैं, वे अपनी कॉपीज नहीं बना सकते।
SC बोला- बद से बदतर होती जा रही स्थिति, साथ आएं सभी राज्य
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर. एस. रेड्डी और जस्टिस एम. आर. शाह की बेंच से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दिशा-निर्देशों और दूसरे मानकों पर सख्ती से अमल किया जाए क्योंकि ‘यह लहर पहली वाली लहरों से कहीं ज्यादा भयावह लग रही है।’ इस पर बेंच ने कहा, ‘फिर तो सख्त कदम उठाने की जरूरत है। चीजें बद से बदतर होती जा रही हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। राज्यों को राजनीति से ऊपर उठना होगा। सभी राज्यों को इससे निबटने के लिए आगे आना होगा।’ बेंच ने कहा, ‘अब कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत है। यह सख्त उपाय करने का उचित समय है। इसके लिए नीतियों, दिशा-निर्देश और मानक हैं लेकिन सख्ती से अमल नही हो रहा है। इन पर अमल करने की कोई इच्छा शक्ति ही नहीं है।’
केंद्र के हलफनामे पर भड़की आम आदमी पार्टी
कोरोना के मामले बढ़ने के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराए जाने से जुड़े केंद्र के हलफनामे को आम आदमी पार्टी ने ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। AAP ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ऐसे संकट के समय में ‘गंदी राजनीति’ खेल रही है। पार्टी ने एक बयान में कहा कि केंद्र की तरफ से उसके हलफनामे में उच्चतम न्यायालय के सामने दिल्ली सरकार पर की गईं टिप्पणियां बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। बयान में कहा गया, ‘ ऐसा जान पड़ता है कि यह हलफनामा केंद्र सरकार के बजाय बीजेपी के प्रवक्ता की तरफ से तैयार किया गया है जबकि केंद्र को महामारी के इस काल में राज्यों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना चाहिए। यह हलफनामा तथ्यात्मक रूप से भी गलत है।
जून-जुलाई में जब दिल्ली में स्थिति बिगड़ी तो हमें हस्तक्षेप करना पड़ा: केंद्र
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि कोविड-19 रोगियों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने और संक्रमण के रोकथाम को लेकर कई विस्तृत व व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के बावजूद दिल्ली सरकार ने जून-जुलाई के महीने में कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर देखी और केंद्र सरकार को कोविड-19 के और प्रसार को रोकने के लिये तत्काल अति सक्रिय व ऐहतियाती उपाय करने पड़े। केंद्र ने हलफनामे में कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और दिल्ली में अस्पतालों के चिकित्सा ढांचे की क्षमता पर बढ़ते दबाव की वजह बनी कमियों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति की समीक्षा के लिए 15 नवंबर को एक और बैठक बुलानी पड़ी।
’10 राज्यों में ही करीब 77% ऐक्टिव केस’
केंद्र ने अपने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 10 राज्यों में कोविड-19 के लगभग 77 फीसदी सक्रिय मामले हैं जबकि कुल सक्रिय मामलों में से 33 फीसदी महाराष्ट्र और केरल के हैं। उसने कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और भारत की घनी आबादी को देखते हुए देश ने संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय काम किया है। केंद्र ने कहा कि 24 नवंबर तक भारत में कोविड-19 के 92 लाख मामले थें, जिसमें 4.4 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं।