भोपाल. शहर में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना का कहर इस तरह हावी है कि शनिवार को शहर में वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. महेन्द्र जैन की मौत कोरोना के कारण हो गई. शहर में एलोपैथी के डॉक्टर की मौत का ये पहला मामला है. स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के मुताबिक डॉ. जैन पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और उन्हें करीब 14 दिन पहले एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी जिस कारण उन्हें वेंटीलेटर पर भी रखना पड़ा. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक गैस राहत अस्पताल से रिटायर होने के बाद डॉ. जैन बैरागढ़ में ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे.
डॉ. जैन के छोटे भाई डॉ. आरके जैन ने बताया कि एम्स में उनकी डॉक्टरों से बात होती रहती थी. उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो गया था, इसके चलते उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी थी. हालांकि वे ठीक हो रहे थे लेकिन कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक एम्स में भर्ती होने के बाद उन्हें प्लाज्मा थेरेपी भी दी गई थी. शुरुआत में इसके सकारात्मक परिणाम दिखे, लेकिन बाद में सफल नहीं हुई.
डॉ. जैन के साथ काम कर चुके अन्य डॉक्टरों की माने तो वे हंसमुख और मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे. जेपी अस्पताल में भी वे रेडियोलॉजिस्ट के रूप में काम कर चुके थे. बताया जाता है कि ड्यूटी टाइम खत्म के बावजूद अगर कोई मरीज बचा हो तो डॉ. जैन दो से तीन घंटे तक अस्पताल में रहते थे. जब तक मरीज खत्म नहीं होते वे घर नहीं जाते थे. यही नहीं डॉ. जैन शाकिर अली अस्पताल में भी काम कर चुके थे. गैस राहत विभाग के सीएमओ डॉ. रवि वर्मा बताते हैं कि डॉ. जैन हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे.