इंदौर। गत दिनों कोरोना काल मे इंदौर में आयोजित की गई प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की भीड़भरी पत्रकार वार्ता पर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए इंदौर के कमिश्नर व आईजी से 7 दिन म जवाब मांगा है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी ने उक्त जवाब मांगा है।
इन 9 बिंदुओं पर मांगा जवाब
इन्दौर शहर में बीते बुधवार को मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस में अधिक भीड जमा होने और वहां कोविड प्रोटोकाॅल का पालन नहीं किये जाने वाली घटना पर आयोग द्वारा स्व-संज्ञान लिया गया है। इस मामले में आयोग ने कमिश्नर, इंदौर एवं पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर से अगले 07 दिवस में निम्नांकित नौ बिन्दुओं पर प्रतिवेदन मांगा है:-
(1) किन परिस्थितियों में इतनी अधिक संख्या में मीडियापर्सन्स आदि व अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रेस काॅन्फ्रेंस की गई ?
(2) क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर, इंदौर द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रावधान ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के आयोजन पर लागू नहीं होते हैं ?
(3) किस प्रशासनिक अधिकारी की स्वीकृति पर ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित की गई थी ?
(4) क्या प्रेस काॅन्फ्रेंस के लिए मीडियापर्सन्स व अन्य उपस्थित व्यक्तियों की कोई संख्या सुनिश्चित की गई थी ?
(5) क्या ऐसी किसी संख्या से अधिक व्यक्ति प्रेस काॅन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सकें, इसकी कोई व्यवस्था/पर्यवेक्षण की कार्यवाही की गई थी ? (6) ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेस के दौरान प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियों द्वारा उपस्थित मीडियापर्सन्स एवं अन्य व्यक्तियों के मध्य अपेक्षित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित किये जाने के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
(7) क्या ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित किये बिना वांछित बिन्दुओं पर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया जाना संभव नहीं था ?
(8) प्रेस काॅन्फ्रेंस में कलेक्टर, इंदौर के प्रतिबंधात्मक आदेश/कोविड प्रोटोकाल के उपरोक्त उल्लंघन की परिस्थितियों को देखते हुए इस संबंध में क्या किसी व्यक्ति के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं की गई है, तो क्यों नहीं की गई है ?
(9) कोरोना संक्रमण की वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में भीड़युक्त ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के स्थान पर वीडियो कान्फ्रेसिंग या अन्य डिजीटल माध्यम से ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस या उसके विकल्प में केवल महत्वूर्ण बिन्दुओं की जानकारी देते हुए केवल प्रेस विज्ञप्ति जारी किये जाने की संभावना पर भी स्पष्ट प्रतिवेदन प्रेषित किया जाये।