भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महापंचायतों का आयोजन इस राज्य में चार मार्च से रतलाम जिले के रेनमहुचौपाटी गांव से प्रारंभ होगा।
राज्यसभा सांसद सिंह ने यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से चर्चा में दावा करते हुए कहा कि यह महापंचायतें पूरी तरह गैरराजनैतिक होंगी। उन्होंने बताया कि चार मार्च को ही धार जिले के दीकथान गांव में महापंचायत होगी। अगले दिन पांच मार्च को उज्जैन जिले के बड़नगर और फिर शाजापुर में किसान महापंचायत होगी। छह मार्च को सीहोर जिले के श्यामपुर और भोपाल जिले के शाहपुर गांव में किसान महापंचायत होगी।
सिंह ने कहा कि इन महापंचायतों में वे स्वयं भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि इन महापंचायतों में किसान, किसान संगठनों, अन्य संगठनों और विभिन्न दलों के कार्यकर्ता भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन इस दौरान राजनीति की कोई बात नहीं होगी। सिर्फ कृषि कानूनों और किसानों के हित में बात की जाएगी। उन्होंने आज फिर दोहराया कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित के विपरीत हैं और जब तक इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
सिंह ने कहा कि इसके बाद अगले चरण में ग्वालियर चंबल संभाग में भी इस तरह की महापंचायतें आयोजित की जाएंगी। आठ मार्च के बाद इस तरह के आयोजन होने की संभावना है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चाहें, तो वे भी इन महापंचायतों में शिरकत कर सकेंगे। ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े एक व्यक्ति बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में प्रवेश संबंधी सभी सवालों को वे टाल गए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज वे किसान महापंचायत के अलावा अन्य किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे। बार बार पूछे जाने के बावजूद उन्होंने इस मुद्दे से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया।