ग्वालियर ! उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में आतंक का पर्याय बने समीर जाट को अलीगढ से फरार होने के छह दिन बाद अंतत: आज तडके ग्वालियर पुलिस ने पुरानी छावनी थना क्षेत्र की मोतीझील पहाडिया के समीप हुई मुठभेड में मार गिराया। कुख्यात फरार बदमाश जाट पर दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से 50 हजार का इनाम घोषित था। पुलिस के साथ हुए इस एनकाउंटर में समीर जाट मारा गया लेकिन मौका पाकर उसका साथी अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गया 1 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि शातिर बदमाश समीर जाट अपने साथी सहित पुरानी छावनी के रास्ते शहर में प्रवेश करने वाला है जिसके चलते उन्होंने पुलिस की कई टीमें तैयार की और मुखबिर द्वारा बताये गये रास्ते को घेर लिया। तभी सामने से समीर जाट एक बाइक पर अपने साथी के आता दिखाई दिया। पुलिस को देख उसने अपनी बाइक पहाडी की ओर मोड दी यहीं से पुलिस की घेराबंदी शुरू हुई और पुलिस ने पीछा कर उसे र्समपण के लिये ललकारा लेकिन उसने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोलियां लगने से समीर जाट मौके पर ही ढेर हो गया। जबकि उसका साथी बदमाश फरार होने में कामयाब हो गया। श्री सिंह ने बताया कि पुलिस रिकार्ड के मुताबिक समीर जाट उत्तरप्रदेश के अलीगढ जिले के इगलास थाना क्षेत्र का रहने वाला था और छोटी उम्र में पिता की हत्या का बदला लेना के लिये उसने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया। उसने र्दजनों हत्या एवं हत्या के प्रयास अपहरण लूट डकैती की वारदातों को मध्यप्रदेश के ग्वालियर एवं चंबल संभाग और उत्तरप्रदेश और राजस्थान में अंजाम दिया। समीर जाट को उत्तरप्रदेश एस.टी.एफ. ने 25 अगस्त 2012 को शॉर्ट एनकाउण्टर के बाद गिरफतार कर लिया तथा 31 जुलाई 2014 को उसे एक मामले में अलीगढ कोर्ट में पेश किया गया जहॉ उसने एक सिपाही पर फायरिंग कर दी और मौके से फरार हो गया। हत्या लूट और डकैती जैसे कई मामलों में वांछित समीर जाट को मुठभेड में मार गिराए जाने को एस.एस.पी. संतोष कुमार सिंह ने ग्वालियर पुलिस की एक बडी कामयाबी बताया है।

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