कहीं अधिक है। जाहिर है ये सारे फैसले कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचाएंगे। गाय के साथ्ा-साथ किसान और युवा और गरीब कांग्रेस के फोकस में है। पार्टी के नीति निर्धारक मानते हैं कि ये चुनिंदा बिंदु बहुसंख्यक समाज की सहानुभूति बंटोरने के साथ एक बड़े वोट समूह के लिए चुंबक का काम कर सकते हैं। कांग्रेस नेता इस बात के लिए अपनी सरकार की पीठ ठोकते नहीं थकते कि गाय के लिए भाजपा वाले झूठी हमदर्दी दिखाते रहे, असली गौ-भक्त तो उनकी पार्टी वाले निकले।
सरकार ने 450 करोड़ रुपए का बंदोबस्त कर एक हजार गौ-शालाओं के निर्माण का एलान किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ गौशाला फंड जुटाने के लिए कारपोरेट घरानों से संपर्क स्थापित कर उनके सीएसआर का फंड गौ-माता के लिए दान करने का आग्रह भी करने वाले हैं। 55 लाख तादाद वाले किसानों के बड़े समूह के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो लाख रुपए तक के ऋ ण माफ करने का फैसला पहले ही ले लिया था।
सरकार बनते ही पहला फैसला उन्होंने यही लिया था, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से काफी पहले इसका एलान किया था। किसानों पर बैंक का बकाया ऋ ण माफ करने की सरकारी प्रक्रिया अभी चल ही रही है। 22 फरवरी तक किसानों के खाते में दो लाख रुपए तक के ऋण की राशि बैंक खाते में जमा कराने का लक्ष्य रखा गया है। लगभग 17 हजार करोड़ रुपए इस योजना पर खर्च होने की संभावना बताई जा रही है। हालांकि किसान कर्ज माफी की राह इतनी भी आसान नहीं है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे घपले-घोटाले भी सामने आते जाएंगे। किसानों के लिए बिजली बिल आधा करने की घोषणा भी होने वाली है।