भोपाल ! मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान के मद्देनजर राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के मकसद से बिजली के बिल जमा करने में एक वर्ष की छूट देने के विद्युत कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं। एक वर्ष की अवधि का किसानों से कोई सरचार्ज नहीं लिया जाएगा, मगर बिल पूरा जमा करना होगा। राज्य में किसानों से वर्ष में दो बार अर्थात छह-छह माह में बिजली बिलों की वसूली की जाती है। राज्य शासन ने उन किसानों के स्थाई पम्प के अप्रैल, 2015 में देय छह माही बिलों की वसूली तथा 31 मार्च, 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली एक वर्ष के लिए स्थगित (डेफर) करने का निर्णय लिया है, यह लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनकी फसलों को ओला-वृष्टि और अति-वृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है। इस तरह उन्हें 31 मार्च, 2016 तक बिजली बिल भुगतान से छूट मिलेगी।
राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में मध्यप्रदेश पूर्व, मध्य, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन किसानों से एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक की अवधि का कोई सरचार्ज नहीं लिया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रथम छह माही बिलिंग चक्र में अप्रैल, 2016 में उस समय का देय छह माही बिल तथा 31 मार्च, 2015 तक की यदि कोई बकाया राशि हो तो वह भी अप्रैल, 2016 में ली जाएगी।
प्रभावित किसानों के लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रमाणित सूची जारी की जाएगी। सूची में किसान के विद्युत कनेक्शन नम्बर आदि की जानकारी दर्शाते हुए विद्युत वितरण कम्पनी के संबंधित अधीक्षण अभियंता को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे प्रभावित किसान के कनेक्शन को चिन्हित करने में कठिनाई नहीं होगी और उन्हें शासन के निर्णय का पूरा लाभ मिल सकेगा।