इंदौर । गंगवाल से सरवटे बस स्टैंड के बीच आने वाले कड़ावघाट के मकान मालिकों का हाई कोर्ट में लगाया स्टे खारिज होने के बाद बुधवार को निगम अमले ने 26 मकानों को तोड़ा। सुबह नौ बजे से 150 से अधिक निगम कर्मचारी व 100 से अधिक पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाला। इसके बाद पोकलेन की मदद से मकान तोड़े गए। अधिकतर मकान मालिकों ने स्वेच्छा से ही अपना घर खाली कर दिया था।
वहीं स्टे खारिज होने के बाद बचे आठ से दस मकान मालिकों ने भी घर खाली कर दिए। इससे बगैर किसी बड़े विवाद के निगम ने अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया। सड़क निर्माण में बाधक बन रहे निर्माण आठ घंटे में तोड़ दिए गए। अभी नया पीठा में पांच-छह मकानों का स्टे और लगा हुआ है। दोपहर को निगमायुक्त आशीष सिंह मौके पर पहुंचे और तोड़े जा रहे मकानों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को तीन दिन में मलबा हटाने के निर्देश दिए। कार्रवाई के दौरान सीएसपी हरीश मोटवानी, अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह मौजूद थे।
पांच मंजिल के मकानों को तोड़ने में हुई मशक्कत : टीम सुबह नौ बजे कड़ावघाट गली नंबर दो में पहुंच गई। सबसे पहले पुलिस ने खाली मकानों के अंदर जाकर स्थिति देखी। फिर निगम कर्मचारियों ने आठ पोकलेन की मदद से तोड़फोड़ शुरू की। सबसे ज्यादा मशक्कत पांच मंजिल के मकानों को तोड़ने में करना पड़ी। पोकलेन की पहुंच वहां तक नहीं होने से वहां पड़े मलबे के ढेर का दो मंजिल तक टीला बनाया गया। इस पर पोकलेन को खड़ाकर ऊपरी मंजिलों को तोड़ा गया।
मुआवजे को लेकर मकान मालिकों में संशय : सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रहे मकानों को 18 से 23 फीट तक तोड़ा गया है। कई मकान 40 से 50 साल पुराने थे। ऐसे में इनके मालिकों को अब मुआवजे को लेकर संशय बना हुआ है। मकान मालिक अमिनुद्दीन दहलवी, मो. जाफर, मो. हुसैन, मो. हारून, मो. अल्ताफ, इशाक पहलवान, जाहिद अली के अनुसार उच्च न्यायालय में स्टे लगाया था जो खारिज हो गया। ये मकान तो हमारे खुद के हैं। अतिक्रमण नहीं है। ऐसे में हमें मुआवजा मिलेगा यह संशय है।
पोल से टकराई पोकलेन, कर्मचारी की जान आफत में
जब मकान तोड़ने का काम शुरू किया गया, उसी समय बिजली कंपनी का एक कर्मचारी बंद लाइन में मीटर कनेक्शन काटने पोल पर चढ़ गया। इस दौरान एक पोकलेन उस पोल से टकरा गई और वह हिलने लगा। कर्मचारी ने गिरने से बचने के लिए पोल को कसकर पकड़ लिया। नीचे खड़े कर्मचारियों ने पास जाकर आवाज लगाई और पोकलेन रुकवाई। बाद में कर्मचारी को सीढ़ी से उतारा गया। बिजली कर्मचारी बगैर किसी सुरक्षा उपकरणों के पोल पर चढ़ा था। इसके आधे घंटे बाद पोकलेन का ऊपरी हिस्सा हाईटेंशन लाइन के तारों से टकराया। इससे पास ही लगा खंभा भी हिलने लगा। इसे देख उसके नीचे बैठे निगम अधिकारी वहा से दूर भाग
मलबे में सामान तलाशा
मकान तोड़े जाने के बाद उसके मलबे से लोग व बच्चे ड्रम, लोहा व अन्य सामान को समेटते नजर आए। इन्हें हटाने में पुलिस व निगम कर्मचारी लगे रहे। दोपहर में जब मकानों को तोड़ने का काम पूरा हुआ तो मकान के बचे हिस्से की छत पर लोगों ने पहुंचकर कार्रवाई को देखना चाहा। यह देख पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया।
बहस के बाद माना
रियल आइसक्रीम की दुकान व मकान को तोड़ते समय विवाद की स्थिति बनी। मकान का तीन-चार फीट का कोना तोड़ना था लेकिन मकान मालिक ने सामान नहीं हटाया था। मकान मालिक व दुकान संचालक चयन अग्रवाल ने कहा हमें नोटिस नहीं मिला। कुछ देर तक बहस हुई बाद में वह मान गया।