भोपाल। मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही, नियम विरूद्ध काम और वित्तीय नुकसान होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी और आर्थिक हानि होने पर संबंधित दोषी अधिकारियों से राशि वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
सिलावट ने आज यहां मंत्रालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा, अपर सचिव विकास नरवाल, प्रमुख अभियंता डावर और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सिलावट ने कहा कि विभाग की कार्य-प्रणाली को सुधारने के लिए सभी अधिकारी फील्ड में भ्रमण करें। उन्होंने प्रदेश के सभी बाँध और नहर परियोजना की ड्राइंग और डिजाइन के लिए मुख्य अभियंता से विचार-विमर्श किया जाये।
शिवपुरी जिले की सर्कुला परियोजना की ड्राइंग और डिजाइन को मंजूरी के लिए आईं.आई.टी रुड़की को भेजने पर सिलावट ने नाराजगी व्यक्त की है। मंत्री सिलावट ने शिवपुरी जिले के बामोर कला में लोअर और कैनाल परियोजना में काम हुए बिना अग्रिम भुगतान होने और भुगतान की तुलना में काम कम होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अपर मुख्य सचिव को जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश को दिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी परियोजना का भौतिक सत्यापन होने के उपरांत ही वास्तविक भुगतान की कार्यवाही की जाय। काम से अधिक का भुगतान होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सिलावट ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षण उपरांत 50 साल पुरानी नहरों का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण करने के लिये काम शुरू कराया जाए। इसके लिए कार्य-योजना बनाकर आंकलन करें और प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजे।
उन्होंने कहा कि पुरानी नहरों के सीपेज को प्राथमिकता से दुरूस्त किया जाये, जिससे नहर टूटने की घटना से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। सिलावट ने कहा कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विगत दिनों जितनी भी परियोजना का भूमि-पूजन किया गया है, उनको समय-सीमा में शुरू करने और वार्षिक कैलेंडर के आधार पर प्रगति रिपोर्ट का चार्ट बनाकर मुख्यालय भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। निर्धारित समय-सीमा में सभी परियोजनाएँ पूर्ण कराई जाए। उन्होंने कहा कि विलंब होने से परियोजना की लागत बढ़ती है तो संबंधित अधिकारी की जाँच की जाएगी।
सिलावट ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में किसान चौपाल आयोजित करे और सिंचाई परियोजना के लाभान्वित किसानों से संवाद स्थापित कर इसका अलग से डाटा संकलित करे। संकलित डाटा का उपयोग भविष्य की योजनाओं में किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने निर्देश दिए कि जलसंसाधन विभाग की सभी निर्माणाधीन परियोजना का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन कर उसके औचित्यता का भी परीक्षण किया जाए।