भोपाल।  राजधानी में  रेत का अवैध कारोबार करने वाले कारोबारियों में जिला प्रशासन का शिकंजा कसने का जो सपना देखा गया था वह वास्तविकता के धरातल पर टूटता जा रहा है। रेत की कालाबाजारी और ओवरलोडिंग रोकने के लिए पिछले दिनों  राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर  प्रशासन ने चेक पोस्ट चालू किए थे लेकिन अब वह केवल मुंह दिखाई के स्पॉट ही बन कर रह गए हैं।

कहा तो यह गया था कि चेकपोस्ट पर रहने वाले अमले के अलावा आसपास के ग्रामीण रूटों पर भी पुलिस नजर रहेगी ताकि वहां से अवैध रेत का परिवहन करने वाले ट्रक और डंपर निकल नहीं पाएं लेकिन हो इसका उल्टा रहा है।

रायसेन, सीहोर और भोपाल में 4-4 तथा होशंगाबाद में 2 विशेष चेक पोस्ट  पर पुलिस, राजस्व, खनिज, वन विभाग सहित लगभग आधा दर्जन विभागों का प्रशिक्षित अमला तैनात किया गया था। इसके अलावा वहां पर कैमरे भी लगाने की बात कही गयी थी लेकिन यह सब अब दिखावा नजर आ रहा है। हकीकत में तो  होशंगाबाद से आने वाली रेत को चेक पोस्ट पर ओवर लोडिंग के बाद न तो कैमरों में कैद किया जा रहा है और न ही उसकी जांच की जा रही है।

इस तरह के कई मामले 11 मील के पास बने चेक पोस्ट पर नजर आ रहे हैं। इस संबंध में रेत व्यापारी ऐसासिएशन ने ही इस बात को उठाया है। उनका कहना है कि चेक पोस्ट पर नियमानुसार काम नहीं हो रहा है। वहां पर केवल वही गाडियां रूकती है जिनका सही तरीके से अधिकारियों से तालमेल नहीं हो पाता है।

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