भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के साथ ही भाजपा ने प्रदेश सरकार से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। जनादेश का हवाला देकर मप्र भाजपा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को जनभावनाओं का पालन करते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा ने ऐतिहासिक जीत पर प्रदेश भर में जश्न मनाया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को देर शाम तक भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता जश्न में डूबे रहे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने मध्यप्रदेश में पार्टी की प्रचंड विजय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रियता, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी की संगठन क्षमता और कार्यकर्ता की अथक मेहनत का परिणाम बताया है। साथ ही कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को तुंरत प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। यद्यपि इस्तीफा नैतिकता के आधार पर दिया जाता है, लेकिन कांग्रेस का नैतिकता से कोई संबंध नहीं है इसलिए जनभावना को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा दिया जाना लाजमी है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि पूरे देश में मोदी जी के चमत्कृत नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कुशल संगठन क्षमता के बल पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड विजय प्राप्त की है। इस विजय से हमारी जिम्मेदारियां और बढेगी। हमें जनता की सेवा के लिए और अथक परिश्रम करना है। उन्होंने कहा कि इस जीत का आशीर्वाद देश की जनता ने दिया है। वहीं मध्यप्रदेश में भी ऐतिहासिक सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष दोनों दायित्वों को निभा रहे है। इस लिहाज से मध्यप्रदेश में आए चुनाव परिणामों पर नैतिकता के आधार पर उन्हें निर्णय लेना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनता ने पिछले पांच महीने में कमलनाथ सरकार ने जनता को निरंतर जो धोखा दिया है, उसकी प्रखर अभिव्यक्ति भी लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेशवासियों ने की है। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपने पांच महीनों के कार्यकाल में प्रदेश का बंटाढार कर दिया है। कर्जमाफी सहित एक भी वादा पूरा नहीं किया, जनहित की योजनाएं बंद कर दीं और विकास कार्य ठप कर दिए। कांग्रेस सरकार ने आते ही प्रदेश में लूटमार मचा दी। प्रदेश में हर तरफ अंधेरा छा गया। इस कुशासन के चलते प्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर उठी और जनता ने सरकार-सरकार का फर्क महसूस किया। प्रदेश की इस दुर्दशा पर जनता भी पश्चाताप कर रही थी। चुनाव के दौरान हर जगह सभाओं में जनता की एक ही आवाज आती थी, गलती हो गयी। लोकसभा चुनाव में मय ब्याज के कसर पूरी कर देंगे। आज परिणाम सबके सामने है। भोपाल में राजा हारे, गुना में महाराज हारे हैं। जनता ने अपना बदला ब्याज सहित ले लिया है।