जम्मू ! मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहली बार भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू एवं कश्मीर में दो बीएसएफ जवानों के शहीद होने के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी को पकड़ा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी की पहचान उस्मान ऊर्फ कासिम खान के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के गुजरांवाला का रहने वाला है और उसका लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंध है, जिसने 2008 में मुंबई में हमला किया था।
यह आतंकवादी 18 साल का है। उसने काले रंग की शर्ट और पैंट पहन रखी थी। कुछ समय बाद सुरक्षाबलों ने उसका चेहरा ढक दिया।
यह नाटकीय घटनाक्रम उस वक्त सामने आया जब उधमपुर जिले में बुधवार को जम्मू एवं श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी भी मारा गया। घटना सुबह 7.30 बजे के करीब नारसु नाल्ला में हुआ, जिसमें 11 लोग घायल भी हुए हैं।
दूसरा हमलावर घटनास्थल से भागते हुए चिर्दी गांव में जा घुसा, जिसका सुरक्षा बलों ने पीछा किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने संवाददाताओं को बताया कि सशस्त्र आतंकवादी ने तीन ग्रामीणों को बंधक बना लिया और उन पर भोजन देने का दबाव बनाया। उन्होंने अपने साथी के बारे में भी पूछताछ की।
वहीं एक और व्यक्ति का कहना है कि जब ग्रामीणों ने उसे पकड़ा, उसने कहा, “मुझे मत पकड़ो, मुझे मत पकड़ो।”
आधिकारिक घोषणा तक कुछ भी स्पष्ट नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी को हिरासत में ले लिया गया है और बंधकों को मुक्त करा लिया गया।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि उससे जम्मू एवं कश्मीर पुलिस पूछताछ कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि यह पिछले 15 वर्षो में अति निगरानी वाले इस राजमार्ग पर इस तरह का पहला हमला है। बीएसएफ वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन जवान लड़ते रहे।
इधर, दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने एक आतंकवादी के मारे जाने तथा अन्य के पकड़े जाने की पुष्टि की, लेकिन कहा कि वह उनकी नागरिकता के बारे में कुछ नहीं जानते।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीएसएफ प्रमुख डी.के.पाठक से बात की है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “तीन ग्रामीणों को बंधक बनाने वाले एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया और बंधकों को मुक्त कराया गया है।”
अधिकारी ने कहा कि इलाके में खोजी अभियान जारी है, संभवत: वहां एक और आतंकवादी हो सकता है।
पिछली बार साल 2000 में हमला हुआ था, जब आतंकवादियों ने रामबन जिले में बीएसएफ की सुरक्षा वाले जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर एक पुल पर हमला किया था। उस वक्त जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ था।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘अर्से बाद’ हमला हुआ है। वह आतंकवादियों की गतिविधियों से चिंतित हैं क्योंकि यह इलाका आतंकवादियों से मुक्त था।
उनके पिता और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने नई दिल्ली से अपील की कि भारत तथा पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच होने वाली बातचीत स्थगित कर दी जाए।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आया था और इस मोड़ पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करना उचित नहीं है।
इधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया। उन्होंने कहा, “गुरदासपुर हमले के चंद दिनों बाद उधमपुर में बीएसएफ काफिले पर हुआ यह हमला बेहद चिंताजनक है।”

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