कोलकाता !    केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यहां रविवार को केंद्रीय स्तर पर आतंकवाद विरोधी संस्था के गठन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हैदराबाद में हुए दोहरे बम विस्फोट अजमल कसाब और अफजल गुरु को दी गई फांसी पर बदले की आतंकवादी कार्रवाई है।
उन्होंने कहा कि वे उन सभी मुख्यमंत्रियों से इस बारे में बात करेंगे जो आतंकवाद निरोधक केंद्रीय संस्था के गठन का विरोध कर रहे हैं।
शिंदे ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, “आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर हमने पूरे देश के लिए अलर्ट जारी किया था। हमारा मानना था कि जब हमने दो आतंकवादियों को फांसी दी है तो उसकी कुछ न कुछ प्रतिक्रिया तो होगी ही।”
उन्होंने यह भरोसा जताया कि विस्फोट के बाद हुई फोरेंसिक जांच का परिणाम सामने आएगा और शीघ्र ही दोषियों को दबोच लिया जाएगा।
ज्ञात हो कि हैदराबाद के दिलसुखनगर में गुरुवार की शाम हुए दो बम धमाकों में 16 लोग मारे गए और 117 लोग घायल हो गए।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी केंद्र (एनसीटीसी) की जरूरत पर बल देते हुए शिंदे ने कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मुद्दे पर मदद मिलने की पूरी उम्मीद है। ममता भी इस संस्था के गठन का विरोध कर रहे मुख्यमंत्रियों की कतार में खड़ी हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने एनसीटीसी के गठन का प्रस्ताव रखा था, जिसे कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप बताकर विरोध जताया था। इसके बाद से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है।

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