श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सिक्युरिटी फोर्स ने एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने ट्वीट कर इसे एक्सीलेंट वर्क बताया। बीते 10 महीने में जम्मू-कश्मीर में 190 आतंकियों को मार गिराया गया है। इनमें से 110 विदेशी टेररिस्ट और 80 लोकल टेररिस्ट थे। इस बीच, कुपवाड़ा के गुज्जरपट्टी जंगल में फोर्स ने घेराबंदी की हुई है। 2-3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। शनिवार को बांदीपोरा के हाजिन एनकाउंटर के बाद रविवार को आर्मी की 15 कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) लेफ्टिनेंट बीएस संधू ने ये जानकारी दी थी।
हालात में काफी बदलाव है
– हाजिन एनकाउंटर में लश्कर के 6 आतंकी मारे गए। इनमें मुंबई अटैक के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी का भतीजा ओवैद उर्फ उस्माना जंगी भी शामिल था। बीएस संधू ने कहा, “मारे गए 110 विदेशी आतंकियों में से 66 को घुसपैठ के दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ढेर किया गया। खास बात ये है कि कश्मीर घाटी के भीतरी इलाके में इस साल हमने 125-130 आतंकी मारे हैं। इसकी वजह से हालात में काफी बदलाव देखने को मिले हैं।”
हाजिन एनकाउंटर की वजह क्या थी?
– संधू ने बताया, “हमने हाजिन में मिड सितंबर में कुछ ऑपरेशन शुरू किए थे। इसके बाद से हमने यहां करीब-करीब रोजाना सर्च ऑपरेशन चलाए। हमने यहां स्पेशल फोर्सेस को तैनात किया। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद शनिवार को सीआरपीएफ, आर्मी और पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया। इनमें 6 आतंकी मारे गए। ये सभी विदेशी थे। हमने इस ऑपरेशन में शामिल सभी एजेसियों की तारीफ की। लोकल आतंकियों को ये समझना होगा कि वे खुद को मुजाहिद कहते हैं, लेकिन क्या वे वाकई मुजाहिद हैं या फिर पाकिस्तान के लिए प्रॉक्सी वार लड़ रहे हैं।’
घाटी में ISIS का प्रभाव है?
– जम्मू-कश्मीर की डीजीपी एसपी वैद ने कहा, “कश्मीर घाटी को हिंसा, बंदूकों और ड्रग्स से मुक्त कराना होगा। एजेंसियों और जवानों ने मिलकर जो काम किया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। हां, अभी इस बात की जांच की जानी है कि ISIS का कोई प्रभाव घाटी में है या नहीं। जहां तक मुझे लगता है कि घाटी में ISIS का प्रभाव नहीं है।”
ये भी जानें
– पिछले 22 महीने में 10 आतंकियों ने ही कश्मीर में सरेंडर किया है।
– 5000 के करीब आतंकी पाक के कब्जे वाले कश्मीर में रुके हुए हैं।
– 1100 आतंकियों के परिवार वालों ने उनसे घर लौटने की अपील की है।
आखिरी फेज में है सेना का ऑपरेशन ऑलआउट
कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट के तहत सेना अब दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के अंतिम गढ़ को तबाह करने में जुटी है। यहां शोपियां जिला आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। यहां आतंकियों की गतिविधियां खुलेआम देखी जा सकती हैं। सेना यहां नए कैंप स्थापित कर रही है। सीआरपीएफ बटालियन भी तैनात की गई है।
कश्मीर में 90% तक पत्थरबाजी कम हुई
– वैद ने हाल ही में बताया था कि इस साल कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में 90% की कमी आई है। इसका श्रेय कश्मीर की जनता को जाता है।
– “साथ ही पत्थरबाजी में कमी लाने में एनआईए के छापे के अलावा नोटबंदी और आतंकी कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई ने भी मदद की है। पिछले साल 1 दिन में 40-50 ऐसी घटनाएं होना आम था, लेकिन अब इन घटनाओं में 90% की कमी आई है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *