भारत सरकार में गृह मंत्री का पद संभालने के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह एक्शन में आ गए हैं. सोमवार को शाह ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के एजेंडे पर विस्तार से बात हुई. बैठक से जो संकेत निकलकर आ रहे हैं उससे साफ है कि अमित शाह घाटी में पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का एजेंडा लागू करना चाहते हैं.

सोमवार को जब अमित शाह ने मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई, तो तमाम एजेंसियों के लोग वहां पर पहुंचे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी और रॉ चीफ, गृह सचिव समेत कई अन्य अफसर अमित शाह के साथ मौजूद थे. इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने अमित शाह को घाटी में आतंकियों से निपटने के नए प्लान का सुझाव दिया.

एजेंसियों की ओर से कहा गया है कि इसी साल उन्होंने घाटी में 101 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है, जो हर महीने लगभग 20 का एवरेज है. इसके साथ ही अब एक नई टॉप 10 की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसके बारे में नए गृहमंत्री को सूचना दे दी गई है. इस लिस्ट में रियाज नाइकू और ओसामा का नाम भी शामिल है.

ना सिर्फ आतंकियों की हिटलिस्ट पर इस बैठक में चर्चा हुई बल्कि 1 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर भी विस्तार से रणनीति बनाई गई है.

अमित शाह ने जब से गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला है, तभी से एक बार फिर अनुच्छेद 370, 35ए का मुद्दा चर्चा में आ गया है. बतौर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार इन दोनों मुद्दों पर आक्रामक रुख अपनाते नज़र आए हैं, सूत्रों की मानें तो अमित शाह इस एजेंडे पर सरदार पटेल की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

हालांकि, 35ए का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वह पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी. तभी अपनी बात आगे रखेगी. ऐसे में अब हर किसी की नज़र है कि अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद सरकार इस ओर किस तरह आगे बढ़ती है.

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