अलीराजपुर ! मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले में महान सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा (आजाद नगर) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में बढ़ती हिंसा का जिक्र करते हुए भावुक हो गए और कहा कि जिन बालकों के हाथ में किताब होना चाहिए, ऐसे निर्दोष बालकों के हाथ में पत्थर पकड़ा दिए जाता है। उन्होंने सरकार का साथ देने का वादा करते हुए कश्मीरी युवाओं से कश्मीर को दुनिया का स्वर्ग बनाने में जुट जाने का आह्वान किया। भाबरा में आजादी के 70वें वर्ष के मौके पर आयोजित ‘आजादी 70, याद करो कुर्बानी’ कार्यक्र म की शुरुआत करते हुए मंगलवार को मोदी ने कश्मीर के हालात और सरकार को अन्य राजनीतिक दलों से मिल रहे साथ का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर मे विकास की नई ऊंचाइयां देना चाहती है, हर पंचायत को ताकत देना चाहती है, युवा पीढ़ी को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना चाहती है।
उन्होंने कश्मीर की हिंसा और पत्थरबाजी का जिक्र करते हुए कहा कि वे बालक, युवा जिनके हाथ में लैपटॉप, किताब, वॉलीबॉल, क्रिकेट का बल्ला होना चाहिए, मन में सपने होने चाहिए, आज ऐसे निर्दोष बालकों के हाथ में पत्थर पकड़ा दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे कुछ लोगों की तो राजनीति चल पाएगी, मगर इन भोले भाले बालकों का क्या होगा? इंसानियत और कश्मीरियत को दाग नहीं लगने दिया जाएगा। एक तरफ दिल्ली और कश्मीर की सरकार विकास के मार्ग पर चल रही है, मगर दूसरी ओर वे लोग हैं जिन्हें विकास पच नहीं रहा और वे विनाश चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के सेनानियों के बलिदान से जो ताकत आम हिंदुस्तान को मिली है, वहीं कश्मीरी को है, जो आजादी हिंदुस्तानी को मिली है वही आजादी कश्मीरी को भी नसीब है।
उन्होंने कश्मीर में शांति, सद्भावना एकता का संकल्प दोहराते हुए युवाओं का आह्वान किया कि वे उनकी कोशिशों मे साथ दें, ताकि कश्मीर को दुनिया का स्वर्ग बनाया जा सके।
मोदी ने कश्मीर की महबूबा सरकार की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वहां अमरनाथ यात्रा चल रही है। साथ ही कश्मीर के मामले में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों का सहयोग मिलने पर आभार जताया।
कश्मीर मसले पर बातचीत का रास्ता खुला होने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत का जो मार्ग अपनाया था, उसी मार्ग पर यह सरकार आगे बढ़ रही है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इंसानियत व कश्मीरियत को चोट नहीं लगने देगी, जम्हूरियत का रास्ता ही बातचीत, संवाद का रास्ता है, लोकतंत्र के उसूलों का रास्ता है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं, यहां के लोग पर्यटन के जरिए रोजी रेाटी कमाना चाहता है, वहीं केंद्र व कश्मीर की सरकार और देश के सवा सौ करोड़ लोग कश्मीरियों का भला चाहती हैं। कश्मीर देश के लोगों का स्वर्ग है, उन्होंने युवाओं से अह्वान किया कि वे आगे आएं और कश्मीर को दुनिया का स्वर्ग बना दें।
उग्रवाद, माओवाद के नाम पर हथियार उठाने वाले युवाओं से कंधे से बंदूक उतारने का अपील की है और कहा, “उग्रवाद, माओवाद के नाम पर कंधे पर बंदूक लेकर निकले नौजवानों से कहना चाहता हूं कि कितना लहू बहा दिया, कितने निर्दोषों को गंवा दिया, लेकिन किसी ने कुछ पाया क्या, आइए कंधे से बंदूक उतारिए, खेतों में जाकर हल उठाइए, यह लाल धरती हरियाली में बदल जाएगी और यह देश सुजलाम सुखलाम बन जाएगा।”
मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश में बहुत काम हुआ है, लेकिन सात दशकों की अवधि को देखते हुए जितना काम अपेक्षित था, उतना नहीं हो पाया। 18 हजार गांव बिजली के अभाव में अंधेरे में डूबे हुए हैं। “पिछले स्वाधीनता दिवस पर हमने संकल्प लिया था कि एक हजार दिनों में इन गांवों में बिजली पहुंचेगी, एक वर्ष में हमने आधा काम कर लिया है।”
प्रधानमंत्री मोदी वायुसेना के विशेष विमान से मंगलवार को निर्धारित समय से लगभग आधा घंटे की देरी से दिल्ली से इंदौर और इंदौर से हेलीकॉप्टर से भाबरा पहुंचे।
उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ स्मारक का अवलोकन किया, वहां उपलब्ध छायाचित्रों को देखा और आजाद की जीवनगाथा को जाना। उन्होंने वहां स्थापित आजाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, साथ ही आजाद की आदमकद प्रतिमा के साथ तस्वीर भी खिंचवाई।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार और भारतीय जनता पार्टी के संगठन द्वारा भरपूर तैयारियां की गईं। वहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए, मगर बीते दो दिनों से यहां जारी बारिश के चलते जगह-जगह कीचड़ हो गया, जिससे लोगों को भाबरा और फिर सभा स्थल तक पहुंचने में परेशानी हुई।