ग्वालियर । कलेक्टर राहुल जैन ने कहा है कि जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति बनाए रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा नलकूप खनन का कार्य प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिले में निजी नलकूप खनन की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित क्षेत्र के उपयंत्री और थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। यह निर्देश उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले को दिए हैं। साथ ही विभाग में हैण्डपम्प मैकेनिक के संविदा वाले स्वीकृत 28 पदों पर शीघ्र भर्ती करने के निर्देश भी कार्यपालन यंत्री को दिए हैं।
जैन ने कहा कि जिले में बन रही अल्प वर्षा की स्थिति के कारण आने वाले समय में पेयजल की मांग को दृष्टिगत रखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी 7 दिवस के अंदर कार्ययोजना प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि हैण्डपम्प और नल-जल योजनाओं के संधारण का कार्य विभाग तेजी के साथ सुनिश्चित करे। जिन क्षेत्रों में हैण्डपम्प मैकेनिक की उपलब्धता कम है उन ग्रामों में निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैण्डपम्प मैकेनिकों की सेवायें ली जाएँ। उन्होंने सभी उपयंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में निजी नलकूप खनन और नदियों व तालाबों से पम्प लगाकर पानी निकालने वालों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करायें। जैन ने कहा कि जिन स्थानों पर पेयजल की आपूर्ति शासकीय स्त्रोत के माध्यम से नहीं की जा सकेगी, उन स्थानों पर निजी नलकूप और अन्य संसाधनों का अधिग्रहण जिला प्रशासन द्वारा किया जायेगा। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 102 हैण्डपम्पों पर लगाए जाने वाले सोलर पम्प की सूची तैयार करने के निर्देश भी कार्यपालन यंत्री अहिरवार को दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए क्लोरीन का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाए और खुले पेयजल स्त्रोतों पर इसके डालने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस कार्य के लिये ग्राम स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराई गई 10 हजार रूपए की राशि का उपयोग भी किया जा सकता है।
कार्यपालन यंत्री अहिरवार ने बताया कि जिले में कुल 179 नल-जल योजनायें हैं, जिनमें से मुरार व घाटीगाँव विकासखण्ड में चार – चार तथा डबरा और भितरवार विकासखण्ड में छ: – छ: नल-जल योजनायें बंद हैं। जिन्हें शीघ्र चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही जिले में 6 हजार 779 हैण्डपम्पों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।