ग्वालियर । राजस्व न्याय शिविरों के तृतीय चरण के दूसरे दिन शुक्रवार को कलेक्टर राहुल जैन स्वयं फील्ड में पहुँचे। उन्होंने भितरवार तहसील के राजस्व वृत्त सांखनी और डबरा तहसील के राजस्व सर्किट टेकनपुर अपने समक्ष ऋण पुस्तिका और खसरा का वितरण कराया। उन्होंने किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि किसान भाई जमीन के बड़े खातों को छोटे खातों में तब्दील करायें तथा शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने में लेतलाली बरतने वाले समिति प्रबंधक और भितरवार सहकारी बैंक मैनेजर का एक-एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि राज्य शासन की मंशा है कि किसानों के राजस्व से संबंधित काम निर्धारित समय-सीमा में और गाँव के स्तर पर ही किए जाएँ। पूर्व के लम्बित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये सरकार द्वारा समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है। इसी कड़ी में ग्वालियर जिले में भी राजस्व न्याय शिविरों का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। उन्होंने किसानो से अपेक्षा की कि वे इन शिविरों का लाभ उठायेंगे। राहुल जैन ने किसानों से चर्चा के दौरान उन्हें शासन की “मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना और फसल बीमा योजना” के बारे में विस्तार से बतलाया। शिविर के दौरान एसडीएम भितरवार इकबाल खान, तहसीलदार उमेश कौरव, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक भदौरिया, जिला पंजीयक सहकारिता श्रीमती सूद सहित अन्य विभागों के जिला अधिकारी भी उपस्थित थे।

केशव के खाते का मिलान और रामलखन, राकेश मोहनलाल को मौके पर दिलवाई ऋण-पुस्तिका
सांखनी में आयोजित शिविर के दौरान कलेक्टर राहुल जैन ने अपने समक्ष किसानों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण कराया। सांखनी राजस्व सर्किल के ग्राम मानपुर धूमेश्वर के किसान केशव जो पिछले 6 वर्षों से खसरा और ऋण-पुस्तिका में अलग-अलग खेती का रकबा दर्ज होने के कारण परेशान था। उसके प्रकरण का अपने समक्ष नायब तहसीलदार और पटवारी से मिलान कराया। उन्होंने केशव को उसकी पिता की मृत्यु के बाद जमीन तीन भाईयों में सहमति के आधार पर बटवारा कर नवीन ऋण-पुस्तिका प्रदान कराई। केशव का जमीन खाता छोटा हो जाने के कारण अब उसे शासन की योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त हो सकेगा।
इसी प्रकार गाँव के ही रामलखन की माँ की मृत्यु तीन वर्ष पूर्व हो जाने के उपरांत जमीन भाईयों ने आपसी सहमति के आधार पर बांट ली है। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण न होने के कारण संयुक्त खाता बना हुआ था। जिसका निराकरण भी शिविर के दौरान कर उसे ऋण-पुस्तिका उपलब्ध कराई। इसी प्रकार शिविर में राकेश और मोहनलाल को भी ऋण-पुस्तिका और खसरे की नि:शुल्क प्रति वितरित की गईं।

आपसी सहमति के आधार पर बहन अपना हक छोड़ सकती है
कलेक्टर राहुल जैन ने किसानों को अवगत कराया कि पैतृक जमीन पर अब बेटे के बराबर बेटियों का भी हक होता है। मता-पिता के देहांत के बाद जमीनें स्वत: ही बेटा और बेटियों के नाम स्थानांतरित हो जाती हैं। लेकिन अगर कोई भी बहन आपसी सहमति से अपना हक भाईयों के हक में छोड़ना चाहती हैं तो इसके लिये संबंधित भूमि की गाईडलाइन का मात्र 0.5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क जमा कर बहन भाईयों को अपनी जमीन स्थानांतरित कर सकती हैं।

टेकनपुर राजस्व शिविर में नामांतरण के 288 प्रकरण निराकृत
कलेक्टर राहुल जैन की उपस्थिति में ग्राम पंचायत कार्यालय टेकनपुर में भी राजस्व न्याय शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 288 नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण किया गया। शिविर के दौरान भी कलेक्टर राहुल जैन ने अपने समक्ष ऋण-पुस्तिकाओं और खसरे की प्रतियों का वितरण कराया। शिविर में डबरा के नवागत एसडीएम सुश्री शीतल पटले, तहसीलदार शिवदयाल धाकड़ सहित अन्य राजस्व अमला उपस्थित था।

राजस्व न्याय शिविरों में साढ़े 5 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत
जिले की पाँच तहसीलों में चलाये गये राजस्व न्याय शिविरों के द्वारा नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, नक्शा तरमीम, ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण कार्य पटवारी हल्का और राजस्व निरीक्षक सर्किल मुख्यालयों पर किया गया। जिनमें शुक्रवार तक 5 हजार 566 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
इस अभियान के तहत डबरा तहसील में नामांतरण के 2835 प्रकरण, बटवारा के 127 प्रकरण, सीमांकन के 31 प्रकरण निराकृत किए गए तथा 273 ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण किया गया। इसी प्रकार भितरवार तहसील में अभियान के दौरान 2180 प्रकरणों में नामांतरण की कार्रवाई की गई। 140 बटवारा, 14 सीमांकन तथा 245 ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण इस अवधि में किया गया। चीनौर तहसील के अंतर्गत 629 नामांतरण, 60 बटवारा तथा सीमांकन के 2 प्रकरण निराकृत किए गए, 267 हितग्राहियों को ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण अभियान के दौरान किया गया। इसके साथ ही तहसील में विविध प्रकृति के 384 आवेदनों का निराकरण भी शिविर के माध्यम से किया गया। मुरार तहसील के अंतर्गत नामांकन, बटवारा और सीमांकन के 493 प्रकरणों का निराकरण इस अवधि में किया गया। इसी प्रकार ग्वालियर तहसील के कुलैथ और पुरानी छावनी राजस्व वृत्त में फौती और विक्रय के 197 प्रकरणों में नामांतरण की कार्रवाई की गई तथा 69 किसानों को ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण अभियान के दौरान किया गया।

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