इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कलेक्टोरेट में मंगलवार दोपहर को उस समय रुटीन मीटिंग में लोग असहज हो गए, जब प्रसूति सहायता सहित अन्य कामों में पेंडेंसी को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया को मीटिंग में ही फटकार लगा दी।   

मीटिंग से बाहर आकर डॉ. को सीने में दर्द हुआ और वे बाहर चेयर पर बैठ गए। इस दौरान उनके आंखों से आंसू भी छलक आए। अन्य साथी उन्हें पकड़कर बाहर ले आए और यहां से निजी अस्पताल में जांच करवाने पहुंचे। जांच के बाद वे पांच दिन के अवकाश पर चले गए हैं।

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि रुटीन रिव्यू मीटिंग थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी का एक्टिव रहना जरूरी है। सीएमएचओ के अंडर में प्रसूति सहायता के कई प्रकरण हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा, तो उन्हें डांटना जरूरी है, तभी जनता को रिलीफ मिलेगा। आम जनता के प्रति सभी को अपना दायित्व समझना होगा। वे व्यक्ति अच्छे हैं, लेकिन जिस मेहनत से हम चाहते हैं, वे उस मेहनत से काम नहीं कर पाते। इसका कारण मुझे समझ नहीं आया है। कलेक्टर के अनुसार प्रसूति सहायता मिलने वाली राशि के साथ ही जननी सुरक्षा में लगी गाड़ियों की भी दो से ढाई हजार पेंडेंसी है। इसे लेकर ही उनसे जानकारी मांगी गई थी।

वहीं, मामले में CMHO प्रवीण जड़िया ने कहा कि डांटने से यदि बीमार होने लगे, तो कैसे चलेगा। रुटीन मीटिंग थी। मीटिंग के बाद चेस्ट में पेन हो रहा था, इसीलिए निजी अस्पताल में रुटीन चेकअप के लिए गया था। यहां ईको सहित कुछ जांच करवाई है। सबकुछ ठीक है। उन्होंने बताया कि तबीयत ठीक नहीं लगने से वे पांच दिन के अवकाश पर जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *