भोपाल। मध्यप्रदेश के नीमच कलेक्टर अजय गंगवार और अपर कलेक्टर (एडीएम) वीके धोका पर नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। 49 पन्नों का खुला पत्र देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित प्रदेश व संभागीय अधिकारियों को भेजकर नायब तहसीलदार ने दोनों पर बाढ आपदा राशि में भ्रष्टाचार, गांवों के नक्शे गायब करने, प्रताडना देने जैसे आरोप लगाए हैं। नायब तहसीलदार ने पत्र में खुद की पीडा जाहिर की और लिखा जावद में पोस्टिंग है, लेकिन अटैचमेंट नीमच कर रखा है। मकान-भत्ता कुछ नहीं मिलता। गौरतलब है कि नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी को सितंबर 2019 को कलेक्टर गंगवार ने जावद से नीमच अटैच कर दिया था।

नायब तहसीलदार ने पत्र में लिखा बाढ के वक्त केंद्र व राज्य सरकार ने जो करोडों रुपए बांटने के लिए पहुंचाए वो अब तक प्रभावितों तक नहीं पहुंचे, उसमें भ्रष्टाचार हुआ। कलेक्टर केवल फेसबुक पर टिप्पणियां करते रहते हैं। एडीएम धोका जातिवाद की मानसिकता से काम करते हैं। खनन करने वालों को संरक्षण देते हैं। दोनों अधिकारियों के आय-व्यय के स्रोत का पता लगाया जाए। नीमच के कई गांवों के नक्शे गायब हैं। जिले में ई गवर्नेंस के नाम पर बडा घोटाला हुआ है। कलेक्टर ने नीमच के हालात उत्तरप्रदेश व बिहार जैसे बदतर कर दिए हैं।

नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी ने बताया कि मैनें राष्ट्रपति, पीएम, सीएम, के अलावा तमाम स्तर पर कलेक्टर व एडीएम के मामले से अवगत करा दिया है। भ्रष्टाचार की जांच होना चाहिए। अगर इन दोनों अधिकारियों की निष्पक्ष जांच हुई तो इन दोनों अधिकारियों को बची जिन्दगी के दिन जेल में गुजारना पडेंगे।

नीमच के अपर कलेक्टर वीके धोका का कहना है कि नायब तहसीलदार मानसिक रुप से विक्षिप्त है उनका इलाज होना चाहिए। उनके द्वारा जो भी शिकायत की गई है यह उनका पागलपन है। उन्होंने सर्विस कंडक्ट रूल, अनुशासन को नहीं समझा। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
जब इस संबंध में कलेक्टर अजय गंगवार से संपर्क किया गया जो उन्होंने कुछ भी नहीं बोला। वह इस मामले को लेकर सदमे में है।

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