भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद कर्मचारियों को साधने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया है| प्रदेश के लाखों कर्मचारी अधिकारियों को बड़ा तोहफा मिला है| सरकार ने तीन फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला किया है| सोमवार शाम को हुई कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 9 से बढ़ाकर 12 फीसदी करने को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद चार लाख 54 हजार पेंशनर्स और 5 लाख कर्मचारियों का तीन फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ जाएगा। इन्हें यह महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2019 से मिलेगा। सरकार पर 1 हजार 647 करोड़ का बोझ आने की उम्मीद जताई गई है। पेंशनर्स को भी इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा, पेंशनर्स के मामले में छत्तीसगढ़ की सहमति की जरूरत नहीं होगी। कैबिनेट की बैठक कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं|
इससे पहले सरकार ने पिछले साल के अटके हुए दो फीसदी डीए को बढ़ाने के आदेश जारी किए थे, प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 9 फीसदी डीए दिया जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार ने जनवरी 2019 से महंगाई भत्ता 9 से बढ़ाकर 12% कर दिया है। कर्मचारियों का डीए केंद्र और राज्य सरकार साल में दो बार बढ़ाती है। जुलाई 2018 में केंद्र सरकार ने डीए बढ़ा दिया था, लेकिन राज्य सरकार इस पर फैसला नहीं कर पाई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने जनवरी से तीन फीसदी डीए और बढ़ा दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने भी पिछली तिमाही का गैप पूरा करते हुए मार्च में दू फीसदी डीए बढ़ा दिया। इस तरह राज्य के कर्मचारियों को अभी 9 फीसदी डीए मिल रहा है। यह डीए एक जुलाई 2018 से बढ़ाया गया था और जुलाई से फरवरी 2019 तक का एरियर भविष्य निधि खाते में जमा करा दिया गया था। इस बीच केंद्र ने महंगाई भत्ता तीन फीसदी बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया। जिसके बाद से प्रदेश में भी डीए बढ़ाने मांग उठ रही थी| जिसके बाद आज कमलनाथ कैबिनेट ने तीन फ़ीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है| जिसके बाद अब केंद्र की तरह राज्य के कर्मचारियों को भी 12 फीसदी डीए मिलेगा|
केंद्र सरकार की तरह तीन फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के कर्मचारी कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रहे थे। इसकी मांग चुनाव के समय भी उठी थी। इसी के चलते कमलनाथ सरकार वित्त मंत्रालय ने प्रपोजल बनाकर मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेज दिया था। मध्यप्रदेश की पेंशनर्स एसोसिएशन काफी समय से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग उठा रहे थे। एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेशदत्त जोशी के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव एसआर मोहंती को पत्र लिखकर मांग की गई थी।