इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के सरकारी विभाग में सही तरीके से कर्त्व्य नहीं निभाने के कारण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सेंट्रल जीएसटी एंड एक्साइज डिपार्टमेंट के कई अधिकारियों को 56 जे नियम के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। इसमें इंदौर के छह अधिकारियों समेत मध्यप्रदेश के 12 अधिकारी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इंदौर में काम कर रहे या कर चुके सुप्रिंटेंडेंट एसके मंडल, जीआर मालवीय, जगदीश सोलंकी, आर. गोगिया, किशोर पटेल व एक अन्य अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।
इनमें जबलपुर, भोपाल व उज्जैन के भी कुछ अधिकारी शामिल हैं। 56 जे धारा कहती है कि जिस अधिकारी की 30 साल की सेवा हो जाए या 55 साल की उम्र पूरी कर ली हो और वह सरकारी काम के लिए फिट नहीं हो तो विभाग उसे अनिवार्य रूप से सेवा से बाहर किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक इस धारा का उपयोग नहीं किया जा रहा था और इंदौर व मध्यप्रदेश के अधिकारियों पर पहली बार यह धारा लगाकर बाहर किया गया है। इसमें कुछ अधिकारियों पर सिगरेट कांड और कुछ पर चंदन कांड में व्यवस्थित जांच नहीं करने के कारण भी गाज गिरी है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सख्त रवैये से सभी हैरान हैं।
केन्द्र सरकार ऐसे अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्य नहीं निभाऐंगे उनकी सेवाएं समाप्त कर घर बिठा दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में यह पहली कार्यवाही है।