इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के महू की कोरोना संक्रमण की दिल दहलाने वाली तस्वीर सामने आई। करोडों की संपत्ति, फैला हुआ कारोबार और भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद उन्हें अपनों के चार कांधे नसीब नहीं हुए। यहां तक कि इंदौर से करीब 20 किमी दूर महू में घर में रह रहा बेटा भी उन्हें मुखाग्नि देने मुक्तिधाम तक नहीं आ सका। इस दारुण व्यथा से गुजरना पडा महू के कनौजिया परिवार को। परिवार के प्रतिष्ठित होटल व्यवसायी 52 वर्षीय शशि कनौजिया की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई। वे चोइथराम अस्पताल में भर्ती थे।
संक्रमण इतना फैल चुका था कि उनका शव न तो स्वजन को सौंपा गया और न ही महू तक ले जाने की अनुमति दी गई। जिला प्रशासन ने इंदौर के रामबाग मुक्तिधाम में ही अंतिम क्रिया संपन्न की। यहां उनके परिवार से कोई भी शामिल नहीं हो पाया। महू निवासियों और फौजी अफसरों के बीच लोकप्रिय कनौजिया परिवार की चैथी पीढी हैं। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान छावनी में लांड्री का बडा कारोबार था। बुधवार को जब उनकी मौत हुई तो मुक्तिधाम पर सिर्फ सरकारी कर्मचारी थे।
कनौजिया परिवार के बहुत से सदस्य पॉजिटिव पाए गए थे। शशि कनौजिया की पत्नी एमटीएच अस्पताल में भर्ती है। छोटा भाई अरबिंदो अस्पताल में है, जबकि मझले भाई मंगलवार को ही चोइथराम अस्पताल से ठीक होकर लौटे हैं। उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है। मां भी पॉजिटिव हैं और महू के अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से किसी को भी सूचना नहीं दी गई है।
महू में रह रहे बेटे अक्षत और कनाडा में रह रही बेटी चारू ने मोबाइल पर पिता के अंतिम संस्कार के ऑनलाइन दर्शन किए। बेटी की ख्वाहिश है कि वह घर लौटकर पिता की अस्थियों के दर्शन कर सकें। हालांकि इसकी अनुमति मिलेगी या नहीं, पता नहीं।