भोपाल। प्रदेश के छह जिलों में रेत खदानों के ठेके फिर से होंगे। होशंगाबाद, अशोकनगर, आगरमालवा, उज्जैन और मंडला जिलों की खदानों के  ठेके देने के लिए खनिज निगम ने  सोलह अक्टूबर तक ठेकेदारों से प्रस्ताव बुलाए है। वहीं हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा रायसेन जिले के रेत खदान का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए जाने के बाद यहां भी नए सिरे से ठेके दिए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

होशंगाबाद और अशोकनगर में ठेकेदारों ने खदाने नीलामी प्रक्रिया से ले ली थी लेकिन यहां होने वाली आय की अपेक्षा काफी अधिक दरों पर बोली लगाकर खदानें लेने वाले इन दोनो जिलो के ठेकेदारों ने आय कम होने की आशंका के  बाद यहां की खदानें छोड़ दी है इसलिए यहां नए सिरे से रेत खदानों के ठेके होंगे। होशंगाबाद जिले की 118 खदानों के समूहों का ठेका 217 करोड़ रुपए में लीज पर लिया गया था। खदानों की सुर्पदगी में समय लग रहा था और यहां से होंने वाली आय भी कम नजर आ रही थी। इसके चलते ठेकेदार ने यह ठेका छोड़ दिया। बीच में ठेका छोड़ने पर ठेकेदार द्वारा जमा कराई गई 25 करोड़ की राशि भी राजसात कर ली गई है। अशोकनगर में भी ठेकेदार ने ठैका मूल्य 11 लाख की जगह गलती से एक करोड़ 10 लाख भरकर यह ठेका लिया था। बाद में जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने भी ठेका छोड़ दिया। उनकी भी सुरक्षा निधि जप्त कर ली गई है। वहीं तीन अन्य जिलों आगर मालवा, उज्जैन और मंडला की खदाने तीन बार टेंडर जारी किए जाने के बाद भी नीलाम नहीं हो पाई थी। इन सभी पांच जिलों में पर रेत खदाने फिर से नीलाम करने के लिए सोलह अक्टूबर तक प्रस्ताव बुलाए गए है।

रायसेन में ठैका लेने वाले ठेकेदार से बोली में पिछड़े ठेकेदार गोविंद पुरवैया ने रायसेन में ठेका लेने वाले ठेकेदार राजेन्द्र रघुवंशी के खिलाफ कंपनी की नेटवर्थ गलत बताकर ठेका हासिल करने को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में वाद दायर किया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद रायसेन का रेत खदान ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए है। यहां के भी ठेके इसी माह फिर से किए जाएंगे।

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