जबलपुर | कमिश्नर दीपक खांडेकर ने कार्यालय के सभाकक्ष में लोक शिक्षण की संभाग स्तरीय बैठक में शिक्षा एवं आदिवासी विकास विभाग की शैक्षिक योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने संभाग के जिलों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, निःशुल्क गणवेश वितरण, निःशुल्क साइकिल वितरण, छात्रवृत्ति वितरण, विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र की अद्यतन स्थिति, स्कूल चलें हम अभियान और अशासकीय विद्यालयों में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत निर्धन छात्र-छात्राओं के निःशुल्क प्रवेश की समीक्षा की।
कमिश्नर ने शिक्षा एवं आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए उपलब्ध आवंटन का तत्काल वितरण सुनिश्चित करें।
बैठक में लोक शिक्षण के प्रभारी संयुक्त संचालक सहदेव सिंह मरावी, उपायुक्त आदिवासी विकास एस.आर. भारती, संभाग के जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मौजूद थे।
कक्षा 9 से 12 वीं के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि संभाग के जिलों में 4 लाख 51 हजार 760 विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित की जा चुकी हैं। इसी प्रकार कक्षा 1 से 8 तक के चौदह लाख 8 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें वितरित की जा चुकी हैं। स्कूल चलें हम अभियान की समीक्षा में बताया गया कि संभाग के जिलों में कक्षा पहली में एक लाख 98 हजार और कक्षा 6 वीं में 2 लाख 5 हजार 700 बच्चों, कक्षा 9वीं में एक लाख 96 हजार बच्चों को स्कूलों में दर्ज कराया गया। अशासकीय विद्यालयों में आरटीई के तहत 22 हजार 947 बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया। निःशुल्क साइकिल वितरण योजना अंतर्गत कक्षा नवमीं के 57 हजार 872 बालक-बालिकाओं को साइकिल के लिए 13 करोड़ 88 लाख 93 हजार की राशि वितरित की गई। इसी प्रकार निःशुल्क साईकिल योजना में कक्षा 6वीं के 49 हजार 229 छात्र-छात्राओं को 11 करोड़ 32 लाख 27 हजार की राशि वितरित की गई। अभी तक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 12 लाख विद्यार्थियों के जाति प्रमाण बनाये जा चुके हैं।