भोपाल। कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2020 कमलनाथ के नाम पर लड़ा। पहली बार कमलनाथ के नाम पर चुनाव लड़ा गया। अभी चुनाव नतीजे नहीं आए हैं परंतु रुझानों के बीच में ही कांग्रेस पार्टी के मर्यादा पुरुषोत्तम, 40 साल के अनुभवी, मैनेजमेंट के माहिर गुरु कमलनाथ ने हार स्वीकार कर ली है।
प्रजातंत्र में मतदाताओं का जो भी निर्णय होता है वो स्वीकार करते हैं। जैसे नतीजे आएंगे हम उसे स्वीकार करेंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के रुझानों में लगतार सिमट रही कांग्रेस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा।इसके बाद वे कार्यालय से अपने निवास के लिए रवाना हो गए। याद दिला दें कि कमलनाथ ने आज पीसीसी में मोर्चा बंदी की थी। सभी नेता बुलाए थे। सुबह शुरूआती रुझानों के बाद कहा था, एक घंटे रुक जाइए।
मध्यप्रदेश में 2018 का विधानसभा चुनाव क्षेत्रीय नेताओं के चेहरे पर लड़ा गया था। इनमें एक चेहरा कमलनाथ भी थे परंतु सिर्फ कमलनाथ नहीं थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ पर लांछन लगा कि उन्होंने विधायकों की बातों पर ध्यान नहीं दिया। जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया उन्हें गद्दार करार दिया गया। उपचुनाव 2020 पूरी तरह से कमलनाथ के नाम पर लड़ा गया। शुरू से लेकर अंत तक सिर्फ कमलनाथ थे। चुनाव में हार कांग्रेस की नहीं बल्कि कमलनाथ की हार है। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों पदों पर बदलाव की बात होगी। कांग्रेस पार्टी को 2023 से पहले नया चेहरा चाहिए।