भोपाल। किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दिए गए बयान से मचे बवाल के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं को शब्दों के चयन और मर्यादा का ध्यान रखने की नसीहत दी है। वहीं गुर्जर के बयान के बाद अब कांग्रेस ने कमलनाथ को गरीबों और किसानों को हितैषी बताने वाले बयान देना शुरू कर दिए हैं।

सूत्रों की मानी जाए तो कमलनाथ ने सभी नेताओं को मौखिक रूप से निर्देश दिए हैं कि उपचुनाव की सभाओं और प्रचार के दौरान विपक्ष पर हमला करने के वक्त शब्दों के चयन और मर्यादा का हर हाल में ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया जाए, जिससे पार्टी को नुकसान हो और वह चुनाव में मुद्दा बन जाए। कमलनाथ ने यह बात 28 सीटों के पर्यवेक्षकों और समन्वयकों से कही है। अब ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ ने इस निर्देश के बाद कांग्रेस नेता अपने भाषणों में ऐसा कोई बात नहीं बोलेंगे जिससे पार्टी को नुकसान हो। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि दिनेश गुर्जर के कहने का आशय सही था, लेकिन शब्दों का चयन उनका गलत रहा।

 कांग्रेस उनके बयान का समर्थन नहीं करती है। सलूजा ने कहा कि कमलनाथ अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा गरीब और किसानों के साथ खड़े रहे। छिंदवाड़ा की जनता वर्ष 1980 से इस बात की गवाह है, वहीं प्रदेश में भी उन्होंने किसानों की कर्ज माफी कर, बिजली के बिल सौ रुपए कर किसान और गरीबों की मदद के लिए वे आगे आए।

वहीं दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई गई। टीकमगढ़ में किसानों के कपड़े उतरवाकर हवालात में बंद किया गया। बिजली बिल जमा नहीं करने पर किसानों को जेल तक भेजा गया। कमलनाथ गरीब और किसानों की मदद के लिए हमेशा सक्रिय रहे, जबकि शिवराज सिंह चौहान ने कभी ऐसा नहीं किया।

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