भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में उपचुनावों के दौरान सुमावली, मुरैना, मेहगांव और कुछ अन्य उपचुनाव क्षेत्रों में भाजपा के लोगों ने हिंसक घटनाओं के माध्यम से और गोली चलाकर बूथ कैप्चरिंग की है। कमलनाथ ने एक बयान जारी कहा कि इस कार्य में पुलिस और प्रशासन का संरक्षण ऐसे लोगों को मिला हुआ है। कमलनाथ ने कहा कि इन सारी घटनाओं की वीडियो और खबरें विभिन्न प्रचार माध्यमों से सामने आई हैं।  

लेकिन दुख:द है कि चुनाव आयोग ने शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी ऐसे बूथों में पुनर्मतदान करवाना उचित नहीं समझा। इस तरह की घटनाओं के प्रमाणित तथ्य शिकायतों के साथ प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत भी किये गये, किंतु पुनर्मतदान नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर आपराधिक मामले भी दर्ज नहीं किये गये। कमलनाथ ने कहा कि इन तथ्यों से स्पष्ट है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा खुलकर मदद की गई अथवा उनकी मूक सहमति से ही यह सब घटित हुआ है।  

इस प्रदेश की जनता ने उपचुनाव में धनबल, अर्थबल और बाहुबल का दुरुपयोग देखा है। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से चुनाव को संपन्न करायें और अपने पदीय दायित्वों को निभायें, परन्तु ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते हुए चुनाव को भाजपा के पक्ष में प्रभावित किया है। उनका दावा है कि इन सब घटनाओं के प्रमाण उनके पास हैं।  

उन्होंने कहा कि जो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी राजनैतिक संरक्षण में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं, वे यह जान लें कि कोई भी राजनैतिक संरक्षण स्थायी नहीं होता है। इस बीच मुरैना से यूनीवार्ता के अनुसार मुरैना में चंबल संभाग आयुक्त को आज कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन दिया, जिसमें कहा गया है कि 03 नवंबर को मुरैना जिले की जौरा विधानसभा में उपचुनाव के दिन लगभग 15 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी ने एकतरफा मतदान करवाया था और मतदान के लिए बनाए गए बूथों पर गोलीबारी की गई।

  इसी तरह भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा में बूथों पर कब्जा कर मतदान कराया गया। इन स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा पुनर्मतदान की मांग की गई। नेताओं ने प्रशासन से 10 नवंबर को मतगणना निष्पक्षता के साथ संपन्न कराने का अनुरोध किया है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री लाखन सिंह समेत अनेक कांग्रेस नेता मौजूद थे। 

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