भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष को लेकर दिल्ली में एक बार फिर सरगर्मी बढ गई है। इसका कारण एआईसीसी महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के प्रदेश के चार दिनी प्रवास के बाद दिल्ली पहुंचना और फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात है। इसी बीच सिंधिया का ग्वालियर-चंबल का तीन दिन का दौरा भी निरस्त होने से इसे तेजी से हवा मिली है। प्रदेश प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया पिछले दिनों मध्यप्रदेश के चार दिन के प्रवास पर आए थे और उनकी मुख्यमंत्री कमलनाथ व कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा हुई थी। बाबरिया ने मीडिया से चर्चा में स्वीकारा था कि उनकी नेताओं से चर्चा संगठन पर ज्यादा केंद्रित थीं। उन्होंने प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने की बात भी कही थी।
बताया जाता है कि इस चर्चा में नेताओं ने यह जरूरत बताई थी कि पूर्णकालिक पीसीसी अध्यक्ष के बिना संगठन की मजबूती संभव नहीं है। बाबरिया इस प्रवास से लौटकर दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी थी। सूत्र बताते हैं कि इसी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दो दिन पूर्व हुई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। सिंधिया की सोनिया गांधी से मुलाकात काफी लंबी थी। इस मुलाकात के बाद सिंधिया ने अचानक मंगलवार से मध्यप्रदेश में प्रस्तावित दौरे को रद्द कर दिया। सिंधिया के दौरे के निरस्त होने की पुष्टि मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने भी की है।
वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सोमवार को दिल्ली पहुंचे हैं। बताया जाता है कि उनकी कांग्रेस के कुछ नेताओं से चर्चा भी हुई है। सूत्र बताते हैं कि मप्र के पीसीसी अध्यक्ष का फैसला मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अब कभी भी होने के संकेत हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पीसीसी अध्यक्ष के प्रभार से मुक्त होने के लिए कई बार सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं, लेकिन हाईकमान के संगठन के लिए किसी सर्वमान्य नेता के नाम पर फैसला लेने में बेहद सावधानी बरतने की कोशिश से इसमें देरी हो रही है। संभावना व्यक्त की गई है मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा कभी भी की जा सकती है।