ग्वालियर। भिण्ड जिले के गांवों में ओलावृष्टि व भारी बरसात से किसानों की बर्बाद हुई फसलों का भिण्ड जिला प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन नहीं कराए जाने और मुआवजा मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आने के कारण जिले के किसान आत्म हत्या कर रहे है। कल एक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली तो एक किसान की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई वह किसान फसल का नुकसान बर्दास्त नहीं कर पाया। किसान अभिलाख यादव द्वारा आत्म हत्या कर लिए जाने के कारण आज भिण्ड-लहार मार्ग पर ऊमरी के किसानों ने चक्काजाम कर दिया है। किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन क्षेत्र में बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराए तथा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा, बच्चियों की शादी की जिम्मेदारी शासन ले व दो बच्चियों को सरकारी नौकरी दी जाए। भिण्ड जिले में चार किसानों की मौत हो चुकी है।
भिण्ड जिला मुख्यालय से 20 किलो मीटर दूर ऊमरी गांव निवासी अभिलाख सिंह यादव के पास तीन बीघा जमीन है तथा तीन बीघा जमीन उसने गांव के ही करु शर्मा की किराए पर ली थी। अभिलाख यादव ने 5 माह पूर्व अपने भाईओं के साझे में एक टेªक्टर भी फायनेंस कराया था जिसकी अगले माह 80 हजार रुपए की किस्त भी जमा करनी थी। अभिलाख यादव के पांच बेटियां व एक बेटा था। अभिलाख यादव अपने परिवार से अलग होकर गांव में ही एक टूटे-फूटे मकान में रहकर गुजर बसर कर रहा था। आठ सदस्यीय परिवार में ज्योति 18 वर्ष, मोहिनी 16 वर्ष, जूली 14, रोशनी 12, चांदनी 7 वर्ष के अलावा एक डेढ साल का बेटा अनुरुद्ध सिंह और पत्नी गुड्डी देवी थी। गतवर्ष भी बरसात के कारण फसल बर्बाद हुई थी।
किसान अभिलाख सिंह यादव ने मरने से पूर्व लिखेेेेे सुसाइड नोट में लिखा है कि हम अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे हम सदमा सहन नहीं कर पा रहे हैं। हम अपनी खेती की हालत देखकर अपने खेत पर फांसी लगाकर आत्म हत्या कर रहे है। हे, भगवान हमारे बच्चों का देखें।
मृतक अभिलाख सिंह यादव की पत्नी श्रीमती गुड्डी देवी ने बताया कि ओलावृष्टि व बरसात के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। दो वर्ष से फसल नष्ट होने के कारण लोगों का कर्जा भी था। बच्ची की शादी की चिंता भी सता रही थी। बर्बाद फसल के आकलन के लिए भी कोई अधिकारी नहीं आया था इसलिए मेरे पति काफी परेशान थे।
भिण्ड जिले के मेहगांव क्षेत्र के असोखर गांव के किसान सुरजीत सिंह नरवरिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई वह कल शाम को शौच के लिए गांव से बाहर खेत पर गए थे बहीं उनकी मौत हो गई। मृतक सुरजीत के भाई हरेंद सिंह ने बताया कि भाई सुरजीत के हिस्से में 10 बीघा जमीन थी ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो जाने से वह काफी परेशान थे। उनके दो पुत्र जिसमें सबसे बडा बेटा प्रदीप जो उत्तरप्रदेश के आगरा में रहकर होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है, दूसरा पुत्र ग्वालियर में रहकर कक्षा 12वीं का छात्र है तथा पुत्री प्रियंका भी अभी पढ रही है। तीनों बच्चों की शिक्षा महेंगी होने के कारण वह चिंतित थे। बर्बाद फसल का सर्वे करने के लिए राजस्व विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं आने से मुआवजा भी मिलने की उम्मीद नहीं थी। इसी कारण सदमे में उनकी मौत हो गई।
भिण्ड कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने बताया कि ओलावृष्टि व बरसात से बहुत कम फसलों को नुकसान हुआ है। सर्वें की टीमें लगी हुई है।