नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतें आम लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनी हैं। इस कारण आम आदमी को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही हैं। देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर के पार जा चुकी है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के बीच एक बार फिर से उन्हें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग होने लगी है। विशेषज्ञों की मानें तो जीएसटी की उच्च दर पर भी पेट्रोल-डीजल को रखा जाए तो मौजूदा कीमतें घटकर आधी हो सकती है।
खबरों की मानें तो केन्द्र सरकार इस बारे में विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस संबंध में संकेत दे चुके हैं। अभी दोनों ही ईंधनों पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारें वैट लेती हैं। इसका प्रभाव यह है कि 35 रुपए का पेट्रोल विभिन्न राज्यों में 90-100 रुपए प्रति लीटर तक हो गया है। पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार ने क्रमश: 32.98, और 31.83 रुपए लीटर का उत्पाद शुल्क वसूलती है। जबकि राज्य सरकार के लिए भी ये दोनों ईंधन कमाई का भी मुख्य स्रोत हैं। सरकार ने जीएसटी लागू करते समय इन दोनों ही ईंधनों को इसके दायरे से बाहर रखा था।