असम नागरिकता विवाद पर विपक्ष सरकार के लिए नरम रुख अख्तियार करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। विपक्ष इस मुद्दे की वजह से सदन में पिछले तीन दिनों से कामकाज नहीं चलने दे रहा है जबकि सरकार इसपर बयान देने के लिए तैयार है। लोकसभा में जहां कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दिया था। वहीं राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने जब अमित शाह को अपने कल के बयान को खत्म करने के लिए कहा, जैसे ही शाह उठे विपक्षी दलों के सांसदो ने हंगामा शुरू कर दिया।
वेंकैया नायडू ने सभी सभासदों को शांत करने की कोशिश की लेकिन शोरगुल कम नहीं हुआ। जिसके बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए राज्यसभा स्थगित कर दी गई थी। विपक्षी दलों और टीएमसी के हंगामे की बीच राज्यसभा कल तक के लिए स्थागित हो गई है।
एनआरसी पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी आज राज्यसभा में 2 बजे जवाब देने वाले थे। उधर, भाजपा ने असम के बाद दिल्ली और बंगाल में भी सिटीजन रजिस्टर बनाने की मांग की है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर बंगाल में भाजपा सरकार बनाती है, तो एनआरसी को राज्य में लागू करेंगे। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इसे दिल्ली में भी लागू किया जाए।
राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, मैं कल बहुत दुखी था जब कुछ सदस्य हाउस के वेल की तरफ भागे। मुझे उम्मीद है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता। हाउस को ठीक तरह से चलने दें। इसके बाद नायडू ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपने कल के बयान को खत्म करने के लिए कहा। जिसके बाद सदन में हंगामा होने लगा। इस वजह से राज्यसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। इसी बीच खबर आई है कि 11 अगस्त को अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे।
कांग्रेस के असम प्रमुख रिपुन बोरा ने ममता के गृहयुद्ध वाले बयान पर कहा, ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री रहते हुए गृहयुद्ध के लिए उकसाना नहीं चाहिए। हम इस बयान की निंदा करते हैं। इसका असम पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि वहां शांति है। बता दें कि ममता ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एनआरसी की वजह से देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा।
गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने ममता बनर्जी के गृह युद्ध वाले बयान पर कहा, मुख्यमंत्री का कर्तव्य राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने का होता है ना कि हिंसा भड़काने का। उनका गृहयुद्ध को लेकर दिया बयान निंदापूर्वक है। रूपा गांगुली ने कहा, क्या वह जानती हैं कि पश्चिम बंगाल में बहुत सारे अवैध घुसपैठिए रहते हैं? बंगाल में आज यही हो रहा है, क्या यह रक्तपात या गृह युद्ध से कम है? क्या उन्हें यह नहीं मालूम कि हर दूसरे दिन बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा जा रहा है।