मिजाजीलाल जैन
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के लहार निवासी दस्यु सरगना रहे पंचम सिंह जिन्होंने 1969 से 1972 तक लगातार 14 साल तक चंबल के बीहडों को अपनी शरणस्थली बना कर हत्या, डकैती व अपहरण के लगभग 300 से ज्यादा अपराध किए। मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार द्वारा जिन पर एक करोड रुपए का इनाम रखा गया था लगभग 550 डाकुओं के सरदार रहे पूर्व डकैत के जीवन पर अब एक फिल्म बनने जा रही है। परमज्योति मोशन पिक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मुंबई द्वारा उनके साथ एक करार किया गया, मुम्बई से आए इस कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया पूर्व डकैत पंचम सिंह के जीवन पर आधारित एक फिल्म का निर्माण किया जाएगा, जिस में पंचम सिंह के जीवनकाल पर प्रकाश डाला जावेगा। पंचम सिंह के एक साधारण ब्यक्ति से एक सैकडा से अधिक हत्या करने डकैती व अपहरण की सैकडो वारदातों को अंजाम देने व जेल में रहने से लेकर एक राजयोगी बनने तक की कहानी बनाई जावेगी।
’फिल्म के करारनामें में पंचमसिंह व उनके पुत्र देवेंद्र व सन्तोष चौहान के साथ फिल्म बनाने के सारे अधिकार पत्रों को परमज्योति मोशन पिक्चर कम्पनी मुम्बई को दिए गये। जिसके एवज में कम्पनी द्वारा उन्हें ढाई लाख रुपए की राशि भी दी गई। पूर्व डकैत पंचम सिंह पर 100 से ज्यादा हत्या व 300 से ज्यादा अपहरण और डकैती के मामले दर्ज थे। 70 के दशक में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व राजस्थान में डकैतों की मुख्य फेहरिस्त में इनका नाम था। इनके मुख्य साथी भोरसिंह व माधोसिंह सहित 550 करीबन लोगों का गिरोह था। अदालत द्वारा डाकू पंचमसिंह व उनके साथी भोरसिंह व माधोसिंह को फाँसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा राष्ट्रपति से फांसी की सजा की माफी की अपील की गई थी जिस पर राष्ट्रपति द्वारा पंचम सिंह की फाँसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था लेकिन उनके साथी भोरसिंह व माधोसिंह को फांसी की सजा दी गई थी।
पंचम सिंह द्वारा जेल में किए गये अच्छे ब्यवहार की बजह से तत्कालीन शासन द्वारा उन्हें आठ साल बाद ही रिहा कर दिया गया था। पंचम सिंह द्वारा इंदिरा गांधी को भी धमकी दी गई थी जिसका उल्लेख उनके जीवन परिचय में मिलता है। पूर्व डकैत से ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रेरणा से अब राजयोगी बने पंचम सिंह द्वारा अब प्रवचनों का आयोजन किया जाता है। देश के 27 राज्यों की 500 जेलों, एक लाख से ज्यादा स्कूलों व 2 लाख से ज्यादा गाँवो में उनके प्रवचन हो चुके है। पंचम सिंह कहते है कि आध्यात्मिक ज्ञान से मानव बुराइयों से लड सकता है, क्योंकि आध्यात्मिक ज्ञान से ही सत्यमार्ग पर चलने की इच्छाशक्ति प्राप्त होती है।